Krantijyoti Savitribai Phule - Ep #50

Doordarshan National
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49.5 هزار بار بازدید - 7 سال پیش - अगर सावित्रीबाई फुले को प्रथम
अगर सावित्रीबाई फुले को प्रथम महिला शिक्षिका, प्रथम शिक्षाविद् और महिलाओं की मुक्तिदाता कहें तो कोई भी अतिशयोक्ति नही होगी, वो कवयित्री, अध्यापिका, समाजसेविका थीं। सावित्रीबाई फुले बाधाओं के बावजूद स्त्रियों को शिक्षा दिलाने के अपने संघर्ष में बिना धैर्य खोये और आत्मविश्वास के साथ डटी रहीं। सावित्रीबाई फुले ने अपने पति ज्योतिबा के साथ मिलकर उन्नीसवीं सदी में स्त्रियों के अधिकारों, शिक्षा छुआछुत, सतीप्रथा, बालविवाह तथा विधवाविवाह जैसी कुरीतियां और समाज में व्याप्त अंधविश्वास, रूढ़ियों के विरुद्ध संघर्ष किया। ज्योतिबा उनके मार्गदर्शन,संरक्षक, गुरु, प्रेरणा स्रोत तो थे ही पर जब तक वो जीवित रहे सावित्रीबाई का हौसला बढ़ाते रहे और किसी की परवाह ना करते हुए आगे बढने की प्रेरणा देते रहे। सावित्रीबाई फुले के जीवन संघर्ष और सामाजिक बदलाव के लिए उनके योगदान पर आधारित है धारावाहिक “क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले”। सावित्रीबाई फुले ने  अपना पूरा जीवन समाज में वंचित तबके खासकर स्त्री और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष में बीता दिया। लेकिन सावित्रीबाई के काम और संघर्ष सामने नही आ पाते हैं। उन्हें ज्योतिबा के सहयोगी के तौर पर ज्यादा देखा जाता है। जबकि इनका अपना एक स्वतंत्रत अस्तित्व था। उन्होंने ज्योतिबा फुले के सपने को आगे बढ़ाने में जी जान लगा दिया सावित्री बाई फुले और ज्योतिबा फुले दोनों सही मायनों में एक दूसरे के पूरक थे। ये धारावाहिक लोगों के सामने उनके संघर्ष को चरितार्थ करता है।
7 سال پیش در تاریخ 1395/12/16 منتشر شده است.
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