पंचशील सिद्दांत, इतनी सुंदर परिभाषा नही सुनी होगी...
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5 سال پیش
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बुद्ध के यह पाँच उपदेशों
बुद्ध के यह पाँच उपदेशों को हम व्यवाहार के “प्रशिक्षण के नियम” के रुप मे समझे न कि किसी आज्ञा के रुप मे । यह ऐसा अभ्यास है जिसका विकास करके ध्यान, ज्ञान, और दया को पा सकते हैं ।
हम इन पाँच उपदेशों को कैसे समझते है यह हमारे विवेक पर निर्भर करता है ।
बुद्ध के पाँच उपदेश हैं :
प्राणीमात्र की हिंसा से विरत रहना ।
चोरी करने या जो दिया नही गया है उसको लेने से विरत रहना ।
लैंगिक दुराचार या व्यभिचार से विरत रहना ।
असत्य बोलने से विरत रहना ।
मादक पदार्थॊं से विरत रहना ।
हम इन पाँच उपदेशों को कैसे समझते है यह हमारे विवेक पर निर्भर करता है ।
बुद्ध के पाँच उपदेश हैं :
प्राणीमात्र की हिंसा से विरत रहना ।
चोरी करने या जो दिया नही गया है उसको लेने से विरत रहना ।
लैंगिक दुराचार या व्यभिचार से विरत रहना ।
असत्य बोलने से विरत रहना ।
मादक पदार्थॊं से विरत रहना ।
5 سال پیش
در تاریخ 1398/05/26 منتشر شده
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