शरीर का सच और विपश्यना
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5 سال پیش
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जिसने शरीर को समझ लिया
जिसने शरीर को समझ लिया उसने पूरे सन्सार को समझ लिया , क्योकि भगवान बुद्ध ने संसार को ही लोक कहा है, और संसार के सच की वैग्यानिक पद्यति से अनुभूति ही विपशयना है .
सभी दुखों को खत्म करती है हजारों साल पुरानी ये विद्या ...
#विपश्यना का प्रयोजन उन तीन कारणों को खत्म कर दुख को खत्म करना है। यह सुखद और दुखद परिस्थितियों में असंतुलित प्रतिक्रियाओं द्वारा बंधी गांठों को खोलता है और सकारात्मकता और रचनात्मक ऊर्जा का विकास कर किसी व्यक्ति या समाज की भलाई में मदद करता है।
हम अज्ञानता, #तृष्णा और #घृणा को खत्म कर दुखों का अंत कर सकते हैं। इस लक्ष्य को पाने का व्यवहारिक तरीका बुद्ध ने खोजा, अनुसरण किया और लोगों को सिखाया। उन्होंने इस मार्ग को अष्टांग मार्ग कहा। इस अष्टांग मार्ग को तीन प्रकार से विभाजित किया जा सकता है: शील, समाधि और पन्ना। शील नैतिक अभ्यास है जिसमें शरीर और भाषा से संबंधित सभी अनैतिक कार्यों से परहेज करना होता है। समाधि एकाग्रता का अभ्यास है जिसके तहत लोग खुद की मानसिक प्रक्रिया पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रण पाने की क्षमता का विकास करते हैं। पन्ना ज्ञान का विकास है जिसमें कोई अपने व्यक्तित्व के तहत शुद्ध अंतर्दृष्टि का विकास करता है। वो लोग जो विपश्यना का अभ्यास करना चाहते हैं, उन्हें इसे एक कोर्स के रूप में सीखना चाहिए जहां ध्यान करने का सही माहौल हो और सिखाने के लिए प्रशिक्षित मार्गदर्शक। यह एक तकनीक है जो मन की गहराई से संबंधित है और इसे कभी भी लापरवाही से नहीं किया जाना चाहिए।
#Vipassana_Research
सभी दुखों को खत्म करती है हजारों साल पुरानी ये विद्या ...
#विपश्यना का प्रयोजन उन तीन कारणों को खत्म कर दुख को खत्म करना है। यह सुखद और दुखद परिस्थितियों में असंतुलित प्रतिक्रियाओं द्वारा बंधी गांठों को खोलता है और सकारात्मकता और रचनात्मक ऊर्जा का विकास कर किसी व्यक्ति या समाज की भलाई में मदद करता है।
हम अज्ञानता, #तृष्णा और #घृणा को खत्म कर दुखों का अंत कर सकते हैं। इस लक्ष्य को पाने का व्यवहारिक तरीका बुद्ध ने खोजा, अनुसरण किया और लोगों को सिखाया। उन्होंने इस मार्ग को अष्टांग मार्ग कहा। इस अष्टांग मार्ग को तीन प्रकार से विभाजित किया जा सकता है: शील, समाधि और पन्ना। शील नैतिक अभ्यास है जिसमें शरीर और भाषा से संबंधित सभी अनैतिक कार्यों से परहेज करना होता है। समाधि एकाग्रता का अभ्यास है जिसके तहत लोग खुद की मानसिक प्रक्रिया पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रण पाने की क्षमता का विकास करते हैं। पन्ना ज्ञान का विकास है जिसमें कोई अपने व्यक्तित्व के तहत शुद्ध अंतर्दृष्टि का विकास करता है। वो लोग जो विपश्यना का अभ्यास करना चाहते हैं, उन्हें इसे एक कोर्स के रूप में सीखना चाहिए जहां ध्यान करने का सही माहौल हो और सिखाने के लिए प्रशिक्षित मार्गदर्शक। यह एक तकनीक है जो मन की गहराई से संबंधित है और इसे कभी भी लापरवाही से नहीं किया जाना चाहिए।
#Vipassana_Research
5 سال پیش
در تاریخ 1398/08/29 منتشر شده
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