'मुराही करिहौ तौ मार होई ' बहरेलिया ठाकुरों ने बता डाला पासी का इतिहास | बहरेलिया ठाकुर | पासी जबान

The Pasi Landlord's
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'मुराही करिहौ तौ मार होई ' बहरेलिया ठाकुरों ने बता डाला पासी का इतिहास | बहरेलिया ठाकुर | पासी जबान

बहरेला पार्ट-1

राजपूतो और पासियो ने मिलकर पठान शासक ...

बहरेलिया डीह लगभग 600 वर्ष पहले

राजपूतों के आने से पहले यहां पासी जाति का शासन था अकबर ने भी पहले के शासकों के तरह पासियो का विनाश जारी रखा .... पठानों ने इस जगह को पासियो को परास्त कर छीन लिया आगे चलकर पठानों का सरगना जिसका नाम अवर खान था उसने अकबर से विद्रोह कर  tax देना बंद कर दिया, उसके विरोध को दबाने के लिए अकबर ने एक राजपूत रिसालदार राजा बरम बली सिंह को नियुक्त किया जिसने पठानो को हरा दिया, आगे यही क्षेत्र अकबर ने राजा बरम बली सिंह को सौंप दिया , यह तालाब पठान शासक के द्वारा बनवाया गया था आज भी लोगो की स्मृति में इस ऊंचे डीह को पठान का तालाब कहते है ' स्थनीय किदवंती यह कहती है की राजपूतों ने स्थानीय पासियो को मिलाकर इस पठान शासक का वध किया , इस क्षेत्र में आज भी पासियो की आबादी ज्यादा है जो अतीत में  झांकने पर विवश करती है

अब बात करते है राजपूत शासन की तो , वह कौन पठान शासक था ... वह कौन राजपूत राजा था जिसने पठान को उजाड़ा था उस पठान शासक का नाम ( अवर खान ) था , जिसके नाम से इस जगह को आज भी पठान ताल कहा जाता है , किसने मारा था , तो वह ( राजा बरम बली सिंह )  थे जिनको अकबर द्वारा रिसलदार नियुक्त किया गया था क्यों किया गया था क्योंकि इस पठान ने अकबर को कर देना बंद कर दिया था विद्रोह कर दीया था उसके दबाने के लिए राजा बरम बली सिंह को लाया गया , तब से उन्हीं के वंशज यहां लगातार अंग्रेजी समय तक बने रहे .....।

गजेटियर अनुसार :- इस छेत्र को सूरज पुर बहरेला के नाम से जाना जाता है जो पहले वास्ताविक रुप में पासियो के कब्जे में था इसमें भर की बात हो रही है की भर कौन थे..? दरअसल जैसा आपको भी पता है भर अवध में पासी की 14 उपजातियों में से एक है , भर को ही पासी कहा जाता है ......।

जैसे राजपूत में
बैंस
कलहंस
चौहान
उनकी उपजातियां है

वैसे ही पासी जाति में भी

भर अप्रभंश बौरिया है
गूजर
खटीक
कैथवास
बौरिया/बौरासी उपजातियां है

नोट :- आईने अकबरी से पता चलता है की " भर शब्द का ही बिगड़ा रुप बौरिया है " यहां बौरिया/बौरासी पासी की ही आबादी है पाई जाती जो यहां पासीयो की बहुलता उनके प्राचीनतम गौरव को दर्शाती है I
3 سال پیش در تاریخ 1400/08/18 منتشر شده است.
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