क्या करना पड़ता है, बुद्धिस्ट बनने के लिए ? What Makes a Buddhist and How to Become a Buddhist ?

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99.5 هزار بار بازدید - 5 سال پیش - बौद्ध धर्म अपनाने के लिए
बौद्ध धर्म अपनाने के लिए क्या करना होगा..?
हमें बुद्ध बनना चाहिए या बौद्ध ?
बौद्ध धर्म कैसे अपनाया जाता है..?
बौद्ध धर्म कैसे अपनाये..?
बौद्ध धर्म अपनाने के लिए क्या करना होगा..?
बौद्ध धर्म के नियम...
‘भग्ग रागो, भग्ग दोसो, भग्ग मोहोति भगवा।’
यानी जिसने अपने राग भग्न कर लिए, द्वेष भग्न कर लिए, मोह भग्न कर लिए, वह भगवान है. यानी इस अवस्था को प्राप्त कर कोई भी व्यक्ति भगवान बन सकता है.
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बौद्ध भिक्षु बनने के नियम,
सैकड़ों साल पहले गौतम बुद्ध ने बौद्ध धर्म की शुरुआत की थी और आज दुनियाभर में बौद्ध धर्म को मानने वाले करोड़ों लोग हैं। इस धर्म के संन्यासियों के लिए गौतम बुद्ध कई नियम बनाए थे। जो व्यक्ति इन नियमों का पालन करता है, वह बौद्ध भिक्षु बन सकता है। बुद्ध ने भिक्षुओं के लिए एक नियम ये बनाया था कि दीक्षा लेने से पहले व्यक्ति को कुछ दिन श्मशान में रहना चाहिए। ऐसा करने से जब व्यक्ति इस सच को स्वीकार कर लेता है कि हर प्राणी की मृत्यु अवश्य होगी, तब उसके मन में त्याग, वैराग्य और समाधि का भाव प्रबल हो जाता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति बौद्ध भिक्षु बनने का पहला चरण पार कर लेता है। जानिए बौद्ध भिक्षुओं के लिए ऐसे ही कुछ और नियम...

1. किसी भी आयु में बौद्ध भिक्षु बनने के लिए सबसे पहले माता-पिता की सहमति बहुत जरुरी होती है। परिवार की सहमति के बिना व्यक्ति बौद्ध भिक्षु नहीं बन सकता है।

2. बौद्ध भिक्षु बनने के लिए दीक्षा लेना जरूरी है। सांसारिक रिश्तों और जीवन का त्याग करके किसी बौद्ध गुरु से विधिवत दीक्षा लेने के बाद बौद्ध भिक्षु बना जा सकता है।

3. बौद्ध धर्म के शुरुआती दौर में मठों में महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जाता था, लेकिन समय बीतने के साथ-साथ महिलाओं को भी मठों में दीक्षा की अनुमति मिल गई।

4. बौद्ध भिक्षुओं का भोजन भिक्षा पर ही निर्भर होता है। बौद्ध भिक्षुओं के लिए कोई भी वस्तु खरीदने के लिए भी पाबंदी है। वे उन्हीं चीजों का उपयोग कर सकते हैं, जो उन्हें दान में मिली हों।

5. कई जगहों पर बौद्ध भिक्षुओं के लिए ये नियम हैं कि वे केवल सुबह के समय एक बार ठोस आहार ले सकते हैं। बाकी समय लिक्विड डाइट पर ही रहना होता है।

6. बौद्ध भिक्षुओं के लिए तीन कपड़े रखने का नियम है। दो शरीर पर लपेटने के लिए और एक चादर ओढ़ने के लिए। ये तीन कपड़े किसी अन्य व्यक्ति द्वारा त्यागे हुए होना चाहिए या दान में मिले हुए होना चाहिए। बौद्ध भिक्षु खुद के लिए कपड़े नहीं खरीद सकते हैं।

7. बौद्ध भिक्षुओं का सबसे बड़ा नियम है ध्यान करना। वे अपनी साधना और समाधि की स्थिति को किसी भी अवस्था में नहीं छोड़ सकते हैं। ध्यान के जरिए कुंडलिनी जागरण ही उनका सबसे बड़ा उद्देश्य होता है।

8. नियमित रूप से ध्यान करना ताकि समाधि की प्राप्ति हो सके, स्वाध्याय और कुंडलिनी जागरण के जरिए परम अवस्था को प्राप्त करना ही इनका लक्ष्य होता है।

9. बौद्ध भिक्षुओं के प्रशिक्षण काल में उन्हें अलग-अलग वातावरण में भी ध्यान करने की ट्रेनिंग दी जाती है। बहुत ठंडी या बहुत गर्म जगह, सुनसान या बहुत भीड़ वाली जगह पर ध्यान करना होता है।


How to Become a Buddhist
What makes you a Buddhist?
In order to be able to become Buddhist, we need to take responsibility for creating our own lives, with the confidence that cause and effect, or karma, really functions. Through our thoughts and judgments, we create habits and attitudes that either limit or free us. Through experience, we see that we create today the causes of our situations tomorrow.

If we want to take this responsibility and decide to use this chance to reach the state of a Buddha, what do we need?

We need values that we can trust. Mind is the only thing that doesn’t change. It wasn’t born and cannot die. It is always and everywhere like space. Enlightenment, or Buddhahood, is a fully developed state of mind and is the goal of Buddhism. As Buddhists, we make a connection with this state – we open up to it – and this we call taking refuge. We also take refuge in the teachings (Dharma) that bring us to the goal, in our friends on the way (Sangha), and in our teacher (Buddha).

From the state of complete joy and accomplishment of enlightenment, we can do the most to benefit others. So Buddhists also strengthen their determination to pursue this goal, so that we can share it with others. And to use whatever strength and insight we get on the way for the benefit of all. This noble aspiration is known as the Bodhisattva Promise.
5 سال پیش در تاریخ 1398/05/26 منتشر شده است.
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