27.Marxism। मार्क्सवाद || कार्ल मार्क्स के सम्पूर्ण विचार || गहन-विश्लेषण
353.2 هزار بار بازدید -
5 سال پیش
-
#upsc
#upsc #Pcs #All_exam #SSC #CAPF #NDA #IBPS #RBI #CDS #IAS #UPSC #bpsc #uppcs #mppcs #rpsc #jpsc #iasanalysis
#अब_आप_पाए_कोचिंग_से_मुक्ति
Whatsapp -7257984076 Telegram(For PDF) - https://t.me/ias_analysis
HISTORY OPTIONAL PLAYLIST - https://bit.ly/3r6YixV
WORLD HISTORY PLAYLIST - https://bit.ly/36lO1Tv
ANCIENT HISTORY PLAYLIST - https://bit.ly/2sMqRI5
MODERN HISTORY PLAYLIST - https://bit.ly/3l7RePV
HISTORY OPTIONAL (Answer Writing Practice - For UPSC/BPSC/UPPSC) - https://bit.ly/2Z7aDGn
WORLD GEOGRAPHY PLAYLIST - https://bit.ly/38TSpL7
UPSC MAINS ANSWER WRITING PLAYLIST - https://bit.ly/33DURbY
JPSC MAINS ANSWER WRITING PLAYLIST - https://bit.ly/3kOSLfb
घटना चक्र PLAYLIST (ALL SUBJECT) - https://bit.ly/3qPvtZm
NEW ANCIENT HISTORY PLAYLIST - https://tinyurl.com/ydyrvo7p
BPSC PREVIOUS 20 YEAR QUESTION AND ANSWER - https://bit.ly/33Kj0gW
घटना चक्र PLAYLIST (HISTORY) - https://bit.ly/3qFwrVZ
घटना चक्र PLAYLIST (INDIAN GEOGRAPHY) - https://bit.ly/36f0SI1
घटना चक्र PLAYLIST (POLITY) - https://bit.ly/2Lp8dze
घटना चक्र PLAYLIST (ECONOMICS) - https://bit.ly/3fQUUmp
MAP CLASSES - https://bit.ly/3oBZU1F
NCERT HISTORY 6-12 CLASS PLAYLIST - https://bit.ly/2SJk0IQ
NCERT GEOGRAPHY 6-12 CLASS PLAYLIST - https://bit.ly/2JIFJjt
मार्क्सवादी विचारधारा के जन्मदाता कार्ल मार्क्स 1818-1883. तथा फ्रेडरिक एन्जिल्स 1820-1895 . है। इन दोनों विचारको ने इतिहास समाजशास्त्र विज्ञान अर्थशास्त्र व राजनीति विज्ञान की समस्याओ पर संयुक्त रूप से विचार करके जिस निश्चित विचारधारा को विश्व के सम्मुख रखा उसे मार्क्सवाद का नाम दिया गया।
मार्क्सवाद का अर्थ
मार्क्सवाद क्रांतिकारी समाजवाद का ही एक रूप है। यह आर्थिक और सामाजिक समानता में विश्वास रखता है अत: मार्क्सवाद सभी व्यक्तियो की समानता का दर्शन है। मार्क्सवाद की उत्पत्ति खुली प्रतियोगिता स्वतंत्र व्यापार आरै पूंजीवाद के विरोध के कारण हुइर्। मार्क्सवाद पूंजीवाद व्यवस्था को आमलू रूप से परिवर्तित करने और सर्वहारा वर्ग की समाजवादी व्यवस्था को स्थापित करने के लिये हिंसात्मक क्रांति को एक अनिवार्यता बातलाता है इस क्रांति के पश्चात ही आदर्श व्यवस्था की स्थापना होगी वह वर्गविहीन संघर्ष विहीन और शोषण विहीन राज्य की होगी।
मार्क्सवाद की विशेषताएं
मार्क्सवाद पूंजीवाद के विरूद्ध एक प्रतिक्रिया है।
मार्क्सवाद पूंजीवादी व्यवस्था को समाप्त करने के लिये हिंसात्मक साधनो का प्रयागे करता है।
मार्क्सवाद प्रजातांत्रीय संस्था को पूंजीपतियो की संस्था मानते है जो उनके हित के लिये और श्रमिको के शोषण के लिए बना गयी है।
मार्क्सवाद धर्म विरोधी भी है तथा धर्म को मानव जाति के लिये अफीम कहा है। जिसके नशे में लागे उंघते रहते हे।
मार्क्सवाद अन्तरार्ष्टी्रय साम्यवाद मे विश्वास करते हे।
समाज या राज्य में शाषको और शोषितों में पूंजीपतियों और श्रमिकोद्ध में वर्ग संघर्ष अनिवार्य है।
मार्क्सवाद अतिरिक्त मूल्य का सिद्धांत द्वारा पूंजीवाद के जन्म को स्पष्ट करता हे।
मार्क्सवाद के सिद्धांत
द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद का सिद्धांत
द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद मार्क्स के विचारो का मूल आधार है मार्क्स ने द्वन्द्वात्मक प्रणाली को हीगल से ग्रहण किया है मार्क्स के द्वन्द्ववाद को समझने के लिए हीगल के विचारो को जानना आवश्यक है। हीगल के विचारो में सम्पूर्ण संसार गतिशील है और इसमें निरंतर परिवतर्न होता रहता हे। हीगल के विचारो में इतिहास घटनाओ का क्रम मात्र नही है बल्कि विकास की तीन अवस्थाआे का विवेचन किया है – 1. वाद 2 प्रतिवाद 3 संवाद। हीगल की मान्यता कि को भी विचार अपनी मूल अवस्था में वाद होता है। कुछ समय बीतने पर उस विचार का विरोध उत्पन्न होता है इस संघर्ष के परिणमस्वरूप मौलिक विचार वाद परिवर्तित होकर प्रतिवाद का विराधेा होने से एक नये विचार की उत्पत्ति होती है जो सवाद कह लाती है।
इतिहास की आर्थिक भौतिकवादी व्याख्या
मार्क्स की विचारधारा में द्वंद्वात्मक भौतिकवाद की भांति इतिहास की आर्थिक व्याख्या का सिद्धांत भी महत्वपूर्ण है। मार्क्स के विचार में इतिहास की सभी घटनाएं आर्थिक अवस्था में होने वाले परिवर्तनो का परिणाम मात्र है। मार्क्स का मत है कि प्रत्येक देश मे और प्रत्येक काल मे सभी राजनीतिक सामाजिक संस्थाएं कला रीति रिवाज तथा समस्त जीवन भौतिक अवस्थाओ व आर्थिक तत्वो से प्रभावित होती है। मार्क्स अपनी आर्थिक व्याख्या के आधार पर मानवीय इतिहास की छ: अवस्थाएं बतलायी है जो है।
वर्ग संघर्ष के सिद्धांत की आलोचना
कार्ल मार्क्स का दृष्टिकोण गलत कि सामाजिक जीवन का आधार संघर्ष है वास्तव में सामाजिक जीवन का आधार सहयोग है।
मार्क्स ने घोषणा की है कि छोटे छोटे पूंजीपति समाप्त हो जायेंगे किन्तु ऐसा नही हुआ ये पूंजीपति विकसित हुए।
मार्क्स ने समाज में केवल दो वर्गो की बात कही है। जबकि आधुनिक युग में दो वर्गो की बात कही है। जबकि आधुनिक युग में दो वर्गो के बीच में एक महत्वपूर्ण तथा विशाल मध्यम वर्ग विद्यमान है।
अतिरिक्त मूल्य का सिद्धांत
मार्क्स ने अपनी पुस्तक दास केपिटल में अतिरिक्त मूल्य के सिद्धांत की विवेचना की है। मार्क्स की मान्यता है कि पूंजीपति श्रमिको को उनका उचित पारिश्रमिक न देकर उनके श्रम का सम्पूर्ण लाभ स्वयं हड़प लेता है मार्क्स ने माना है कि किसी वस्तु का मूल्य इसलिए होता है क्योंकि इसमें मानवीय श्रम लगा है। दूसरे शब्दाे में वस्तु के मूल्य का निर्धारण उस श्रम से होता है जो उस वस्तु के उत्पादन पर लगाया जाता है जिस वस्तु पर अधिक श्रम लगता हे।
#अब_आप_पाए_कोचिंग_से_मुक्ति
Whatsapp -7257984076 Telegram(For PDF) - https://t.me/ias_analysis
HISTORY OPTIONAL PLAYLIST - https://bit.ly/3r6YixV
WORLD HISTORY PLAYLIST - https://bit.ly/36lO1Tv
ANCIENT HISTORY PLAYLIST - https://bit.ly/2sMqRI5
MODERN HISTORY PLAYLIST - https://bit.ly/3l7RePV
HISTORY OPTIONAL (Answer Writing Practice - For UPSC/BPSC/UPPSC) - https://bit.ly/2Z7aDGn
WORLD GEOGRAPHY PLAYLIST - https://bit.ly/38TSpL7
UPSC MAINS ANSWER WRITING PLAYLIST - https://bit.ly/33DURbY
JPSC MAINS ANSWER WRITING PLAYLIST - https://bit.ly/3kOSLfb
घटना चक्र PLAYLIST (ALL SUBJECT) - https://bit.ly/3qPvtZm
NEW ANCIENT HISTORY PLAYLIST - https://tinyurl.com/ydyrvo7p
BPSC PREVIOUS 20 YEAR QUESTION AND ANSWER - https://bit.ly/33Kj0gW
घटना चक्र PLAYLIST (HISTORY) - https://bit.ly/3qFwrVZ
घटना चक्र PLAYLIST (INDIAN GEOGRAPHY) - https://bit.ly/36f0SI1
घटना चक्र PLAYLIST (POLITY) - https://bit.ly/2Lp8dze
घटना चक्र PLAYLIST (ECONOMICS) - https://bit.ly/3fQUUmp
MAP CLASSES - https://bit.ly/3oBZU1F
NCERT HISTORY 6-12 CLASS PLAYLIST - https://bit.ly/2SJk0IQ
NCERT GEOGRAPHY 6-12 CLASS PLAYLIST - https://bit.ly/2JIFJjt
मार्क्सवादी विचारधारा के जन्मदाता कार्ल मार्क्स 1818-1883. तथा फ्रेडरिक एन्जिल्स 1820-1895 . है। इन दोनों विचारको ने इतिहास समाजशास्त्र विज्ञान अर्थशास्त्र व राजनीति विज्ञान की समस्याओ पर संयुक्त रूप से विचार करके जिस निश्चित विचारधारा को विश्व के सम्मुख रखा उसे मार्क्सवाद का नाम दिया गया।
मार्क्सवाद का अर्थ
मार्क्सवाद क्रांतिकारी समाजवाद का ही एक रूप है। यह आर्थिक और सामाजिक समानता में विश्वास रखता है अत: मार्क्सवाद सभी व्यक्तियो की समानता का दर्शन है। मार्क्सवाद की उत्पत्ति खुली प्रतियोगिता स्वतंत्र व्यापार आरै पूंजीवाद के विरोध के कारण हुइर्। मार्क्सवाद पूंजीवाद व्यवस्था को आमलू रूप से परिवर्तित करने और सर्वहारा वर्ग की समाजवादी व्यवस्था को स्थापित करने के लिये हिंसात्मक क्रांति को एक अनिवार्यता बातलाता है इस क्रांति के पश्चात ही आदर्श व्यवस्था की स्थापना होगी वह वर्गविहीन संघर्ष विहीन और शोषण विहीन राज्य की होगी।
मार्क्सवाद की विशेषताएं
मार्क्सवाद पूंजीवाद के विरूद्ध एक प्रतिक्रिया है।
मार्क्सवाद पूंजीवादी व्यवस्था को समाप्त करने के लिये हिंसात्मक साधनो का प्रयागे करता है।
मार्क्सवाद प्रजातांत्रीय संस्था को पूंजीपतियो की संस्था मानते है जो उनके हित के लिये और श्रमिको के शोषण के लिए बना गयी है।
मार्क्सवाद धर्म विरोधी भी है तथा धर्म को मानव जाति के लिये अफीम कहा है। जिसके नशे में लागे उंघते रहते हे।
मार्क्सवाद अन्तरार्ष्टी्रय साम्यवाद मे विश्वास करते हे।
समाज या राज्य में शाषको और शोषितों में पूंजीपतियों और श्रमिकोद्ध में वर्ग संघर्ष अनिवार्य है।
मार्क्सवाद अतिरिक्त मूल्य का सिद्धांत द्वारा पूंजीवाद के जन्म को स्पष्ट करता हे।
मार्क्सवाद के सिद्धांत
द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद का सिद्धांत
द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद मार्क्स के विचारो का मूल आधार है मार्क्स ने द्वन्द्वात्मक प्रणाली को हीगल से ग्रहण किया है मार्क्स के द्वन्द्ववाद को समझने के लिए हीगल के विचारो को जानना आवश्यक है। हीगल के विचारो में सम्पूर्ण संसार गतिशील है और इसमें निरंतर परिवतर्न होता रहता हे। हीगल के विचारो में इतिहास घटनाओ का क्रम मात्र नही है बल्कि विकास की तीन अवस्थाआे का विवेचन किया है – 1. वाद 2 प्रतिवाद 3 संवाद। हीगल की मान्यता कि को भी विचार अपनी मूल अवस्था में वाद होता है। कुछ समय बीतने पर उस विचार का विरोध उत्पन्न होता है इस संघर्ष के परिणमस्वरूप मौलिक विचार वाद परिवर्तित होकर प्रतिवाद का विराधेा होने से एक नये विचार की उत्पत्ति होती है जो सवाद कह लाती है।
इतिहास की आर्थिक भौतिकवादी व्याख्या
मार्क्स की विचारधारा में द्वंद्वात्मक भौतिकवाद की भांति इतिहास की आर्थिक व्याख्या का सिद्धांत भी महत्वपूर्ण है। मार्क्स के विचार में इतिहास की सभी घटनाएं आर्थिक अवस्था में होने वाले परिवर्तनो का परिणाम मात्र है। मार्क्स का मत है कि प्रत्येक देश मे और प्रत्येक काल मे सभी राजनीतिक सामाजिक संस्थाएं कला रीति रिवाज तथा समस्त जीवन भौतिक अवस्थाओ व आर्थिक तत्वो से प्रभावित होती है। मार्क्स अपनी आर्थिक व्याख्या के आधार पर मानवीय इतिहास की छ: अवस्थाएं बतलायी है जो है।
वर्ग संघर्ष के सिद्धांत की आलोचना
कार्ल मार्क्स का दृष्टिकोण गलत कि सामाजिक जीवन का आधार संघर्ष है वास्तव में सामाजिक जीवन का आधार सहयोग है।
मार्क्स ने घोषणा की है कि छोटे छोटे पूंजीपति समाप्त हो जायेंगे किन्तु ऐसा नही हुआ ये पूंजीपति विकसित हुए।
मार्क्स ने समाज में केवल दो वर्गो की बात कही है। जबकि आधुनिक युग में दो वर्गो की बात कही है। जबकि आधुनिक युग में दो वर्गो के बीच में एक महत्वपूर्ण तथा विशाल मध्यम वर्ग विद्यमान है।
अतिरिक्त मूल्य का सिद्धांत
मार्क्स ने अपनी पुस्तक दास केपिटल में अतिरिक्त मूल्य के सिद्धांत की विवेचना की है। मार्क्स की मान्यता है कि पूंजीपति श्रमिको को उनका उचित पारिश्रमिक न देकर उनके श्रम का सम्पूर्ण लाभ स्वयं हड़प लेता है मार्क्स ने माना है कि किसी वस्तु का मूल्य इसलिए होता है क्योंकि इसमें मानवीय श्रम लगा है। दूसरे शब्दाे में वस्तु के मूल्य का निर्धारण उस श्रम से होता है जो उस वस्तु के उत्पादन पर लगाया जाता है जिस वस्तु पर अधिक श्रम लगता हे।
5 سال پیش
در تاریخ 1398/12/08 منتشر شده
است.
353,203
بـار بازدید شده