यह नक्काशी पहली शताब्दी में की गई थी कर्नाटक। पहली सदी. कनागनाहल्ली. भारत
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पूजा के तहत एक स्तूप
पूजा के तहत एक स्तूप की विशेषता वाला वास्तुशिल्प तत्व जिसके गुंबद पर नाग गुंथे हुए हैं और ढोल पर मालाएं हैं। इस सर्प देवता को आप गौर से देखिए जो घुमावदार नक्काशी है ना वह पत्थर पर उकेर दी गई है वह भी छैनी और हथौड़ी से नक्काशी को देखकर यैसा प्रतीत होता है मानो सर्प आपस में गुथे हुए हैं पर ऊपरी भाग को केवल पत्थर पर उकेरा गया है आज भी आप अपनी आंखों से निहार सकते हो और इस अद्भुत कला को देख सकते हो और यह नक्काशी पहली शताब्दी में की गई थी
कर्नाटक। पहली सदी. कनागनाहल्ली. भारत
कर्नाटक। पहली सदी. कनागनाहल्ली. भारत
10 ماه پیش
در تاریخ 1402/08/04 منتشر شده
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