Dinosaur story - Moral Hindi story from Panchatantra - हिंदी कहानिया - Hindi Kahaniya For Kids

Indus Toons
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86.5 هزار بار بازدید - 4 سال پیش - #hindimoralstories
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Dinosaur story is a classic moral Hindi story. The story of dinosaurs is not from classic Indian moral stories collection of #Panchatantra but still it conveys the great message of politeness.
In this story you will see an encounter between a dinosaur and a dinobird. This is a moral story in Hindi language. The dinosaur and the dinobird are main characters of this moral story. Hindi moral story of dinosaurs is a great story. This story is not only for kids but also for adults. Mature people can enjoy the story and they can find the moral too.
Story of Dinosaur and #Dinobird
We regularly upload moral Hindi stories of animals. Mostly we upload story of lion, jackal, rabbits, donkey but this time it is different story. This time this moral Hindi story is about a dinosaur. This story will say how and why dinosaur extinct. An arrogant dinosaur abuses an innocent dinobird in this story. This story is not from Panchatantra but it is from the same genre.

#Dinosaur story is all about the morality. It convey the message of politeness. This story let you know what will happen when you disobey the nature. The story of dinosaur and dinobird is full of message of nature.

लाखों करोड़ो साल पहले दुनिया के सभी जंगलों पर विशालकाय और #पर्वत जितने बड़े डायनासोर का राज हुआ करता था। वो बहुत ताक़तवर थे इसलिए कोई उसका मुकाबला नहीं कर सकता था। ऐसे ही एक जंगल में एक डायनासोर ने एक डायनोपंछी को तंग करते हुए कहा की, “भले ही तुम्हारे पास उड़ने के लिए पंख हो लेकिन हम इस जंगल के राजा है। जब भी हम रास्ते से निकले तो बाजू पर हट जाया करो और हमे जुक कर सलाम करो।”

इतना कहकर #डायनासोर अपने रास्ते ओर डायनोपंछी अपने घर की और चल दिया। घर जाकर उस छोटे डायनोपंछीने रास्ते में जो बना था वो सब अपने माँ-बाप को बताया।

छोटे डायनो पंछी को समझाते हुए उसके पिताने कहा, “जंगल में ऐसा तो होता ही रहेता है, वो ताक़तवर है और घमंडी भी है। हम चाहकर भी उसका सामना नहीं कर सकते। हमारे पास  पंख तो है पर हम इतने वजनदार शरीर के कारण उड़ नही सकते इसलिए बेहतर है की हम उन #घमंडी डायनासोर और उसकी बातो पे ध्यान देना बंध करे। जब वक्त आएगा तब कुदरत उसका हिसाब करेगा।”

पिताजी की बात सुनकर छोटा डायनो पंछी नदी किनारे पानी पीने चला गया, लेकिन अभी उसके दिमाग में डायनासोर के भयंकर शब्द गूँज रहे थे। उस वारदात के बारे में सोचते सोचते डायनोपंछी की आँख से आँसू बहने लगे। जैसे ही आँसू की बूँद नदी के पानी में गिरी तो नदी के पानी से कोई देवी प्रकट हुई।

नदी की देवी ने छोटे डायनो पंछी से कहा, “मुजे पता है तुम क्यों रो रहे हो और तुम्हारे साथ क्या हुआ है।”

नदी की देवी की बात सुनकर छोटे डायनो पंछीने कहा की, “हे देवी, आप कौन है? और आप को कैसे पता की मेरे साथ क्या हुआ है”

नदी की देवी ने कहा की, “में #प्रकुति के देवी हु. इस जंगल में कौन रहेना चाहिए और कौन नहीं रहेना चाहिए वो सब मेरी मरजी से होता है। मुझे पता है की डायनासोर घमंडी हो चुके है। इस लिए अब इस जंगल से डायनासोर का ख़त्म होना जरूरी है।”

छोटे डायनो पंछी ने प्रकृति देवी से पूछा, “हे देवी माँ, यह कैसे संभव है? इतने सारे, इतने विशालकाय और ताकतवर डायनासोर को कौन हरा सकता है?”

प्रकृति की देवीने जवाब देते हुए कहा की, “तुम उसकी चिंता मत करो। बस तुम अपने खुद के बचाव के लिए अपने परिवार के साथ किसी #सुरक्षित गुफा में छुप जाओ। बाकी का काम मुज पर छोड़ दो।”

इतना कहकर प्रकृति की देवी अद्रश्य हो गई। उसके कहने पर डायनो पंछी और उसके परिवार ने एक बहोत ही गहेरी गुफा में आश्रय ले लिया।

फिर प्रकृति की देवी ने अंतरिक्ष में घूम रहे एक लघु ग्रह की दिशा बदलकर उसे पृथ्वी की और मोड़ दिया। बन्दूक की गोली से भी तेज इस लघु ग्रह के प्रकृति की देवी ने डायनासोर वाले जंगल के के अन्दर गिरा दिया। लघुग्रह की टक्कर से पैदा हुई गर्मी के कारण सभी डायनोसोर खत्म हो गए और गहेरी गुफाओ में छुपे डायनो पंछी बच गए।

फिर धीरे धीरे डायनो पंची विकसित होने लगे और रहेते रहेते डायनो पंछी से आज के सभी पंछी बने जो अब अपनी किलकारियों से जंगल को चहकाते है।

तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की अगर हम #कुदरत के बनाए सभी जीवजंतुओ को एक समान महत्व नहीं देंगे और खुद को दूसरों से उपर समझेंगे तो कुदरत हमारा विनाश कर देगी।
4 سال پیش در تاریخ 1399/03/17 منتشر شده است.
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