श्रीमद भगवद् गीता सार SHRIMAD BHAGWAT GEETA GYAN SHRI KRISHNA VAANI 11 TEACHINGS OF GEETA
5.2 میلیون بار بازدید -
پارسال
-
श्रीमद भगवद् गीता सार SHRIMAD
श्रीमद भगवद् गीता सार SHRIMAD BHAGWAT GEETA GYAN SHRI KRISHNA VAANI 11 TEACHINGS OF GEETA NEW LIFE HARISH TALKS
11 TEACHINGS FROM SHRI MAD BHAGWAD GEETA
1. श्री मद भगवद्गीता का सबसे पहला उपदेश का ये है कि कोई अगर आपका अपना है या कोई अपना आपसे बड़ा है तो उसका अपने प्रति गलत व्यवहार कभी भी सहन नहीं करना चाहिए ।
2. जो चला गया है कभी उसका दुख मत करो और जो आने वाला है उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो
3. मौत से डरना बिल्कुल व्यर्थ है। श्री कृष्ण ने गीता में कहा है
4. मन और विचारों को कंट्रोल किए बिना ज़िन्दगी में कभी शांति और सुकून नहीं मिलने वाला।
5. वासना क्रोध और लालच सर्वनाश का कारण है, नर्क का द्वार है।
6. सब भगवान एक ही है कोई छोटा बड़ा नहीं है सब एक परब्रह्म परमात्मा के अलग अलग रूप और नाम हैं।
7. सुख की इच्छा ही अखिर मे हमारे दुखों का कारण बनती है.
8. जो भी मनुष्य दुनिया के सारे सहारे छोड़ कर सिर्फ भगवान को ही अपना सहारा मान लेता है उसकी हर जरूरत वो परमात्मा पूरी करता है
9. इस संसार में हमारा कुछ भी नहीं है।
10. किसी में भी हद से ज़्यादा मोह कभी मत करना।
11. इस दुनिया में अगर आए हो दुख तो मिलेगा ही मिलेगा क्यूँकी श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि ये संसार " दुखालयम अशाशवतम" है।
11 TEACHINGS FROM SHRI MAD BHAGWAD GEETA
1. श्री मद भगवद्गीता का सबसे पहला उपदेश का ये है कि कोई अगर आपका अपना है या कोई अपना आपसे बड़ा है तो उसका अपने प्रति गलत व्यवहार कभी भी सहन नहीं करना चाहिए ।
2. जो चला गया है कभी उसका दुख मत करो और जो आने वाला है उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो
3. मौत से डरना बिल्कुल व्यर्थ है। श्री कृष्ण ने गीता में कहा है
4. मन और विचारों को कंट्रोल किए बिना ज़िन्दगी में कभी शांति और सुकून नहीं मिलने वाला।
5. वासना क्रोध और लालच सर्वनाश का कारण है, नर्क का द्वार है।
6. सब भगवान एक ही है कोई छोटा बड़ा नहीं है सब एक परब्रह्म परमात्मा के अलग अलग रूप और नाम हैं।
7. सुख की इच्छा ही अखिर मे हमारे दुखों का कारण बनती है.
8. जो भी मनुष्य दुनिया के सारे सहारे छोड़ कर सिर्फ भगवान को ही अपना सहारा मान लेता है उसकी हर जरूरत वो परमात्मा पूरी करता है
9. इस संसार में हमारा कुछ भी नहीं है।
10. किसी में भी हद से ज़्यादा मोह कभी मत करना।
11. इस दुनिया में अगर आए हो दुख तो मिलेगा ही मिलेगा क्यूँकी श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि ये संसार " दुखालयम अशाशवतम" है।
پارسال
در تاریخ 1402/01/03 منتشر شده
است.
5,202,511
بـار بازدید شده