Gupta Dham (गुप्ताधाम)
1.1 میلیون بار بازدید -
7 سال پیش
-
Gupta Dham Mahadev Temple also
Gupta Dham Mahadev Temple also known as Gupteshwar Dham is one of the most ancient temples in Sasaram, Bihar. situated in Kaimur plateau and 12 miles from Sasaram in south and is around 8 miles in South-East from Shergarh.
Song: 'Chal Re Kanwariya Shiv Ke Dhaam' by Anuradha Paudwal and Sonu Nigam.
प्राचीन कथाओ के अनुसार एक बार भस्मासुर ने भगवान् भोलेनाथ की तपश्या कर रहा था, भोले नाथ को प्रशन करने के लिए कठिन तपस्या कर रहा था, भस्मासुर के तपस्या को देखकर भगवान् शिव प्रशन हो गए. भगवान् शिव बड़े धयालू है वो अपने भक्त की हर इच्छा को पूरा करते है, इसीलिए भोलेनाथ ने भस्मासुर से कहा की हम तुम्हरी तपश्या से खुश है तुम हमसे कोई भी वरदान मांग सकते हो यह सुनकर भस्मासुर ने कहा की प्रभु हमें ऐसा वरदान दीजिये की जिस किसी के सिर पर हाथ रखे वो तुरंत भष्म हो जाये भोले नाथ ने कहा तथास्तु.भस्मासुर मां पार्वती के सौंदर्य पर मोहित होकर शिव से मिले वरदान की परीक्षा लेने उन्हीं के सिर पर हाथ रखने के लिए दौड़ा. जहां से भाग कर भगवान शिव यहीं की गुफा के गुप्त स्थान में छुपे थे. भगवान विष्णु से शिव की यह विवशता देखी नहीं गयी और उन्होंने मोहिनी रूप धारण कर भस्मासुर का नाश किया. उसके बाद गुफा के अंदर छुपे भोलेदानी बाहर निकले. पौराणिक आख्यानों में वर्णित भगवान शंकर और भस्मासुर से जुड़ी कथा को जीवंत रखे हुए ऐतिहासिक गुप्तेश्वरनाथ महादेव का गुफा मंदिर आज भी रहस्यमय बना हुआ है. देवघर के बाबाधाम की तरह गुप्तेश्वरनाथ यानी ‘गुप्ताधाम श्रद्धालुओं में काफी लोकप्रिय है.
Visit- www.rohtasdistrict.com/Gupta-Dham
Song: 'Chal Re Kanwariya Shiv Ke Dhaam' by Anuradha Paudwal and Sonu Nigam.
प्राचीन कथाओ के अनुसार एक बार भस्मासुर ने भगवान् भोलेनाथ की तपश्या कर रहा था, भोले नाथ को प्रशन करने के लिए कठिन तपस्या कर रहा था, भस्मासुर के तपस्या को देखकर भगवान् शिव प्रशन हो गए. भगवान् शिव बड़े धयालू है वो अपने भक्त की हर इच्छा को पूरा करते है, इसीलिए भोलेनाथ ने भस्मासुर से कहा की हम तुम्हरी तपश्या से खुश है तुम हमसे कोई भी वरदान मांग सकते हो यह सुनकर भस्मासुर ने कहा की प्रभु हमें ऐसा वरदान दीजिये की जिस किसी के सिर पर हाथ रखे वो तुरंत भष्म हो जाये भोले नाथ ने कहा तथास्तु.भस्मासुर मां पार्वती के सौंदर्य पर मोहित होकर शिव से मिले वरदान की परीक्षा लेने उन्हीं के सिर पर हाथ रखने के लिए दौड़ा. जहां से भाग कर भगवान शिव यहीं की गुफा के गुप्त स्थान में छुपे थे. भगवान विष्णु से शिव की यह विवशता देखी नहीं गयी और उन्होंने मोहिनी रूप धारण कर भस्मासुर का नाश किया. उसके बाद गुफा के अंदर छुपे भोलेदानी बाहर निकले. पौराणिक आख्यानों में वर्णित भगवान शंकर और भस्मासुर से जुड़ी कथा को जीवंत रखे हुए ऐतिहासिक गुप्तेश्वरनाथ महादेव का गुफा मंदिर आज भी रहस्यमय बना हुआ है. देवघर के बाबाधाम की तरह गुप्तेश्वरनाथ यानी ‘गुप्ताधाम श्रद्धालुओं में काफी लोकप्रिय है.
Visit- www.rohtasdistrict.com/Gupta-Dham
7 سال پیش
در تاریخ 1396/11/23 منتشر شده
است.
1,196,524
بـار بازدید شده