बौद्ध धर्म, मगध LIVE CLASS Buddhism प्राचीन भारतीय इतिहास BY PATHAK SIR
126 بار بازدید -
5 ماه پیش
-
https://t.me/pathaksirgajraula HISTOTY महाजनपद काल बौद्ध धर्मजैन धर्म LIVE CLASS |upp ssc प्राचीन भारतीय इतिहास Jainism
#uppolice #gk #gs #upp2024 #2024 #1857kranti #studybypathaksir #sscgd #roaroexam2023 #india #gkquestion #gkfacts #gk2023 #gkinhindi MODERN HISTOTY 3 LIVE CLASS |upp ssc BY PATHAK SIR #youtube #youtubevideos #youtubechannel #historyfacts गौतम बुद्ध शाक्य कोलिय के जीवन के विषय में प्रामाणिक सामग्री विरल है। इस प्रसंग में उपलब्ध अधिकांश वृत्तान्त एवं कथानक भक्तिप्रधान रचनाएँ हैं और बुद्धकाल के बहुत बाद के हैं। प्राचीनतम सामग्री में पालि त्रिपिटक के कुछ स्थलों पर उपलब्ध अल्प विवरण उल्लेख्य हैं, जैसे - बुद्ध की पर्येषणा, संबोधि, धर्मचक्रप्रवर्तन एवं महापरिनिर्वाण के विवरण। बुद्ध की जीवनी के आधुनिक विवरण प्रायः पालि की निदानकथा अथवा संस्कृत के महावस्तु, ललितविस्तर एवं अश्वघोष कृत बुद्धचरित पर आधारित होते हैं। किंतु इन विवरणों की ऐतिहासिकता वहीं तक स्वीकार की जा सकती है जहाँ तक उनके लिए प्राचीनतर समर्थन उपलब्ध हों।
ईसा पूर्व 563 के लगभग शाक्यों की राजधानी कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी वन में गौतम बुद्ध का जन्म प्रसिद्ध है। यह स्थान वर्तमान नेपाल राज्य के अंतर्गत भारत की सीमा से 7 किलोमीटर दूर है। यहाँ पर प्राप्त अशोक के रुम्मिनदेई स्तंभलेख से ज्ञात होता है 'हिद बुधे जाते' (= यहाँ बुद्ध जन्मे थे)। सुत्तनिपात में शाक्यों को हिमालय के निकट कोशल में रहनेवाले गौतम गोत्र के क्षत्रिय कहा गया है। कोशलराज के अधीन होते हुए भी शाक्य जनपद स्वयं एक गणराज्य था। इस प्रकार के राजा शुद्धोदन बुद्ध के पिता एवं मायादेवी कोलिय उनकी माता प्रसिद्ध हैं। जन्म के पाँचवे दिन बुद्ध को 'सिद्धार्थ' नाम दिया गया और जन्मसप्ताह में ही माता के देहांत के कारण उनका पालन-पोषण उनकी मौसी एवं विमाता महाप्रजापती गौतमी कोलिय द्वारा हुआ।
#uppolice #gk #gs #upp2024 #2024 #1857kranti #studybypathaksir #sscgd #roaroexam2023 #india #gkquestion #gkfacts #gk2023 #gkinhindi MODERN HISTOTY 3 LIVE CLASS |upp ssc BY PATHAK SIR #youtube #youtubevideos #youtubechannel #historyfacts गौतम बुद्ध शाक्य कोलिय के जीवन के विषय में प्रामाणिक सामग्री विरल है। इस प्रसंग में उपलब्ध अधिकांश वृत्तान्त एवं कथानक भक्तिप्रधान रचनाएँ हैं और बुद्धकाल के बहुत बाद के हैं। प्राचीनतम सामग्री में पालि त्रिपिटक के कुछ स्थलों पर उपलब्ध अल्प विवरण उल्लेख्य हैं, जैसे - बुद्ध की पर्येषणा, संबोधि, धर्मचक्रप्रवर्तन एवं महापरिनिर्वाण के विवरण। बुद्ध की जीवनी के आधुनिक विवरण प्रायः पालि की निदानकथा अथवा संस्कृत के महावस्तु, ललितविस्तर एवं अश्वघोष कृत बुद्धचरित पर आधारित होते हैं। किंतु इन विवरणों की ऐतिहासिकता वहीं तक स्वीकार की जा सकती है जहाँ तक उनके लिए प्राचीनतर समर्थन उपलब्ध हों।
ईसा पूर्व 563 के लगभग शाक्यों की राजधानी कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी वन में गौतम बुद्ध का जन्म प्रसिद्ध है। यह स्थान वर्तमान नेपाल राज्य के अंतर्गत भारत की सीमा से 7 किलोमीटर दूर है। यहाँ पर प्राप्त अशोक के रुम्मिनदेई स्तंभलेख से ज्ञात होता है 'हिद बुधे जाते' (= यहाँ बुद्ध जन्मे थे)। सुत्तनिपात में शाक्यों को हिमालय के निकट कोशल में रहनेवाले गौतम गोत्र के क्षत्रिय कहा गया है। कोशलराज के अधीन होते हुए भी शाक्य जनपद स्वयं एक गणराज्य था। इस प्रकार के राजा शुद्धोदन बुद्ध के पिता एवं मायादेवी कोलिय उनकी माता प्रसिद्ध हैं। जन्म के पाँचवे दिन बुद्ध को 'सिद्धार्थ' नाम दिया गया और जन्मसप्ताह में ही माता के देहांत के कारण उनका पालन-पोषण उनकी मौसी एवं विमाता महाप्रजापती गौतमी कोलिय द्वारा हुआ।
5 ماه پیش
در تاریخ 1402/12/13 منتشر شده
است.
126
بـار بازدید شده