ब्रह्ममुहूर्त मे उठने के फायदे / Brahm muhurta me uthane ke fayde. Power of brahm muhurta.

Anand Dhara आनंद धारा
Anand Dhara आनंद धारा
3.8 میلیون بار بازدید - 3 سال پیش - ब्रह्ममुहूर्त मे उठने के फायदे
ब्रह्ममुहूर्त मे उठने के फायदे / Brahm muhurta me uthane ke fayde. Power of brahm muhurta.

ब्रह्म का मतलब परम तत्व या परमात्मा
मुहूर्त यानी अनुकूल समय।

रात्रि का अंतिम प्रहर  मे सूर्य निकलने से 96 मिनट पूर्व का समय ब्रह्म मुहूर्त कहा गया है।

ईश्वर भक्ति के लिए यह महत्व स्वयं ही साबित हो जाता है। ईवर भक्ति के लिए यह सर्वश्रेष्ठ समय है।

इस समय उठने से मनुष्य को सौंदर्य, लक्ष्मी, बुद्धि, स्वास्थ्य आदि की प्राप्ति होती है। उसका मन शांत और तन पवित्र होता है। इस वक्त उठने से शरीर स्वस्थ होता है और दिनभर स्फूर्ति बनी रहती है। स्वस्थ रहने और सफल होने का यह ऐसा फार्मूला है जिसमें खर्च कुछ नहीं होता। केवल आलस्य छोडऩे की जरूरत है।


प्रात: तीन से पांच बजे इस समय जीवनी-शक्ति विशेष रूप से फेफड़ों में होती है।

इस समय थोड़ा गुनगुना पानी पीकर खुली हवा में घूमना एवं प्राणायाम तो कम से कम करना चाहिए।

इस समय दीर्घ श्वसन करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता खूब विकसित होती है।
उन्हें शुद्ध आक्सीजन विपुल मात्रा में मिलने से शरीर स्वस्थ व स्फूर्तिमान होता है।

ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाले लोग बुद्धिमान व उत्साही होते हैं।

आइये जाने क्या कहते हैं शास्त्र.....

वर्णं कीर्तिं मतिं लक्ष्मीं स्वास्थ्यमायुश्च विदन्ति।
ब्राह्मे मुहूर्ते संजाग्रच्छि वा पंकज यथा॥

यानि ब्रह्म मुहूर्त में उठने से व्यक्ति को सुंदरता, लक्ष्मी, बुद्धि, स्वास्थ्य, आयु आदि की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से शरीर कमल की तरह सुंदर हो जाता हे।

क्या है ब्रह्म मुहूर्त और प्रकृति का रिश्ता

ब्रह्म मुहूर्त और प्रकृति का गहरा नाता है। इस समय में पशु-पक्षी जाग जाते हैं। उनका मधुर कलरव शुरू हो जाता है। कमल का फूल भी खिल उठता है। मुर्गे बांग देने लगते हैं। एक तरह से प्रकृति भी ब्रह्म मुहूर्त में चैतन्य हो जाती है। यह प्रतीक है उठने, जागने का। प्रकृति हमें संदेश देती है ब्रह्म मुहूर्त में उठने के लिए।


आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठकर टहलने से शरीर में संजीवनी शक्ति का संचार होता है। यही कारण है कि इस समय बहने वाली वायु को अमृततुल्य कहा गया है। इसके अलावा यह समय अध्ययन के लिए भी सर्वोत्तम बताया गया है क्योंकि रात को आराम करने के बाद सुबह जब हम उठते हैं तो शरीर तथा मस्तिष्क में भी स्फूर्ति व ताजगी बनी रहती है। प्रमुख मंदिरों के पट भी ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए जाते हैं तथा भगवान का श्रृंगार व पूजन भी ब्रह्म मुहूर्त में किए जाने का विधान है।


ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाला व्यक्ति सफल, सुखी और समृद्ध होता है, क्योंकि जल्दी उठने से दिनभर के कार्यों और योजनाओं को बनाने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। इसलिए न केवल जीवन सफल होता है। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने वाला हर व्यक्ति सुखी और समृद्ध हो सकता है। वह जो काम करता है उसमें उसकी प्रगति होती है। विद्यार्थी परीक्षा में सफल रहता है।


वेदों में भी ब्रह्म मुहूर्त में उठने का महत्व और उससे होने वाले लाभ का उल्लेख किया गया है।

प्रातारत्नं प्रातरिष्वा दधाति तं चिकित्वा प्रतिगृह्यनिधत्तो।

तेन प्रजां वर्धयमान आयू रायस्पोषेण सचेत सुवीर:॥ - ऋ ग्वेद

अर्थात- सुबह सूर्य उदय होने से पहले उठने वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसीलिए बुद्धिमान लोग इस समय को व्यर्थ नहीं गंवाते। सुबह जल्दी उठने वाला व्यक्ति स्वस्थ, सुखी, ताकतवाला और दीर्घायु होता है।

यद्य सूर उदितोऽनागा मित्रोऽर्यमा। सुवाति सविता भग:॥ - सामवेद-35

अर्थात- व्यक्ति को सुबह सूर्योदय से पहले शौच व स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद भगवान की पूजा-अर्चना करना चाहिए। इस समय की शुद्ध व निर्मल हवा से स्वास्थ्य और संपत्ति की वृद्धि होती है।

उद्यन्त्सूर्यं इव सुप्तानां द्विषतां वर्च आदद

अर्थात- सूरज उगने के बाद भी जो नहीं उठते या जागते उनका तेज खत्म हो जाता है।

समझें व्यावहारिक महत्व

व्यावहारिक रूप से अच्छी सेहत, ताजगी और ऊर्जा पाने के लिए ब्रह्ममुहूर्त बेहतर समय है।

क्योंकि रात की नींद के बाद पिछले दिन की शारीरिक और मानसिक थकान उतर जाने पर दिमाग शांत और स्थिर रहता है। वातावरण और हवा भी स्वच्छ होती है। ऐसे में देव उपासना, ध्यान, योग, पूजा तन, मन और बुद्धि को पुष्ट करते हैं।

इस वीडियो को देखने वाले सभी साधक हमारी ब्रह्मचारी की दिनचर्या नामक इस वीडियो को जरूर देखें जिसका लिंक हम नीचे दे रहे हैं

तभी आप पूरा लाभ उठा पाएंगे।
👇👇👇

ब्रह्मचारी की दिनचर्या कैसी हो / What...



#brahmmuhurt

आपके प्रश्न...
ब्रह्म मुहूर्त किसे कहते हैं?
ब्रह्म मुहूर्त किस समय शुरू होता है?
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर क्या करें?
ब्रह्म मुहूर्त में उठने के लाभ क्या है?
ब्रह्म मुहूर्त में कैसे उठे?
ब्रह्म मुहूर्त का ब्रह्मचर्य से क्या संबंध है?
ब्रह्मचारी के लिए ब्रह्म मुहूर्त का क्या महत्व है?
ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान की विधि क्या है?
ब्रह्म मुहूर्त में कौन से योग करने चाहिए?

आनंद स्वामी
कृष्ण मन्दिर गीता धाम

‪@AnandDhara‬
3 سال پیش در تاریخ 1400/07/04 منتشر شده است.
3,893,369 بـار بازدید شده
... بیشتر