DBLIVE | 20 August 2016 | Today's History
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8 سال پیش
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1911 में अमेरिका के न्यूयॉर्क
1911 में अमेरिका के न्यूयॉर्क टाइम्स के दफ्तर से पहला टेलीग्राम भेजा गया, जो पूरी दुनिया में पहुंचा। यह संदेश एक तरह का टेस्ट मेसेज था। अख़बार यह देखना चाहता था कि किसी व्यावसायिक संदेश सेवा के इस्तेमाल से भेजा गया टेलीग्राफ केबल या तार के जरिए पूरी दुनिया में कोई संदेश कितनी तेज़ी से पहुंचाया जा सकता है। इस पहले तार में केवल इतना लिखा था कि, "यह संदेश पूरी दुनिया में भेजा गया।" आज ही के दिन शाम 7 बजे इस तार ने न्यूयॉर्क स्थित दफ्तर की 17वीं मंजिल का डिस्पैच रूम छोड़ा था। यहां से क़रीब 28 हज़ार मील की यात्रा करने और 16 अलग-अलग ऑपरेटरों की ओर से संदेश को रिले किए जाने के क़रीब साढ़े सोलह मिनट बाद न्यूयॉर्क स्थित इसी जगह पर तार वापस मिला। इस बीच यह टेलीग्राम सैन फ्रांसिस्को, फिलीपींस, हॉन्ग-कॉन्ग, साइगोन, बांबे, माल्टा, लिस्बन और कई दूसरी जगहों पर मिल चुका था। 1900 में शुरू हुई पेसिफिक केबल के सेवा में आने के 11 वर्षों बाद पहली बार इतनी तेज गति से कोई संदेश दुनिया में एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचा था।
1917 में मशहूर साहित्यकार त्रिलोचन शास्त्री का जन्म हुआ था। शास्त्रीजी बाज़ारवाद के प्रबल विरोधी थे। हालांकि उन्होंने हिन्दी में प्रयोगधर्मिता का समर्थन किया। उनका मानना था, "भाषा में जितने प्रयोग होंगे, वह उतनी ही समृद्ध होगी।" त्रिलोचन शास्त्री ने हमेशा ही नवसृजन को बढ़ावा दिया। यह नए लेखकों के लिए उत्प्रेरक थे। 'गुलाब और बुलबुल', 'उस जनपद का कवि हूं', 'ताप के ताये हुए दिन', 'तुम्हें सौंपता हूं' और 'मेरा घर' आदि इनकी प्रमुख रचनाएं हैं। 1982 में त्रिलोचन को साहित्य अकादमी सम्मान से नवाज़ा गया।
1944 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राजीव गांधी का जन्म हुआ था। राजीव गांधी पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने देश में तकनीक के प्रयोग को प्राथमिकता देकर कंप्यूटर के व्यापक प्रयोग पर ज़ोर डाला। राजीव गांधी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1981 में अमेठी से पहला चुनाव जीतकर की। 1984 के आम चुनाव में इन्होंने पार्टी की ज़बरदस्त जीत का नेतृत्व किया और उनके प्रशासन ने सरकारी नौकरशाही में सुधार लाने और देश की अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए ज़ोरदार क़दम उठाए। लेकिन पंजाब और कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन को हतोत्साहित करने की इनकी कोशिश का उल्टा असर हुआ और कई वित्तीय साज़िशों में उनकी सरकार के उलझने के बाद उनका नेतृत्व लगातार अप्रभावी होता गया। 1989 में इन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया, हालांकि कांग्रेस पार्टी के नेता पद पर बने रहे। 1991 में राजीव गांधी तमिलनाडु में एक समारोह से भाषण देकर लौट रहे थे, तभी फूलों में छुपे हुए बम के साथ एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। इस हमले में उनके अलावा 14 और लोग मारे गए थे। इस हमले के लिए तमिल संगठन लिट्टे को ज़िम्मेदार ठहराया गया था।
1995 में नई दिल्ली जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ट्रेन कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन से जा टकराई। उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद में हुए इस हादसे में 250 लोगों की मौत हो गई थी और 300 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे। ख़बरों के मुताबिक़ यह हादसा तब हुआ जब कालिंदी एक्सप्रेस से एक गाय को टक्कर लगी और उसमें कुछ तकनीकी ख़राबी आ गई। जैसे ही ट्रेन रुकी, पीछे से आ रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ने उसे ज़ोरदार टक्कर मार दी। यह ट्रेन हादसा भारत में हुई रेल दुर्घटनाओं में से सबसे भयानक हादसों में गिना जाता है।
20 अगस्त भारत में सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे 'समरसता दिवस' और 'राजीव गांधी अक्षय ऊर्जा दिवस' के नाम से भी जाना जाता है। यह दिवस भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की स्मृति में मनाया जाता है। राजीव गांधी सरकार का एकमात्र मिशन दूसरों के लिए अच्छी भावना रखना था। भारत के सभी धर्मों के बीच सामुदायिक समरसता, राष्ट्रीय एकता, शांति, प्यार और लगाव को लोगों में बढ़ावा देने के लिए यह दिवस हर साल कांग्रेस पार्टी की ओर से मनाया जाता है।
1917 में मशहूर साहित्यकार त्रिलोचन शास्त्री का जन्म हुआ था। शास्त्रीजी बाज़ारवाद के प्रबल विरोधी थे। हालांकि उन्होंने हिन्दी में प्रयोगधर्मिता का समर्थन किया। उनका मानना था, "भाषा में जितने प्रयोग होंगे, वह उतनी ही समृद्ध होगी।" त्रिलोचन शास्त्री ने हमेशा ही नवसृजन को बढ़ावा दिया। यह नए लेखकों के लिए उत्प्रेरक थे। 'गुलाब और बुलबुल', 'उस जनपद का कवि हूं', 'ताप के ताये हुए दिन', 'तुम्हें सौंपता हूं' और 'मेरा घर' आदि इनकी प्रमुख रचनाएं हैं। 1982 में त्रिलोचन को साहित्य अकादमी सम्मान से नवाज़ा गया।
1944 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राजीव गांधी का जन्म हुआ था। राजीव गांधी पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने देश में तकनीक के प्रयोग को प्राथमिकता देकर कंप्यूटर के व्यापक प्रयोग पर ज़ोर डाला। राजीव गांधी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1981 में अमेठी से पहला चुनाव जीतकर की। 1984 के आम चुनाव में इन्होंने पार्टी की ज़बरदस्त जीत का नेतृत्व किया और उनके प्रशासन ने सरकारी नौकरशाही में सुधार लाने और देश की अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए ज़ोरदार क़दम उठाए। लेकिन पंजाब और कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन को हतोत्साहित करने की इनकी कोशिश का उल्टा असर हुआ और कई वित्तीय साज़िशों में उनकी सरकार के उलझने के बाद उनका नेतृत्व लगातार अप्रभावी होता गया। 1989 में इन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया, हालांकि कांग्रेस पार्टी के नेता पद पर बने रहे। 1991 में राजीव गांधी तमिलनाडु में एक समारोह से भाषण देकर लौट रहे थे, तभी फूलों में छुपे हुए बम के साथ एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। इस हमले में उनके अलावा 14 और लोग मारे गए थे। इस हमले के लिए तमिल संगठन लिट्टे को ज़िम्मेदार ठहराया गया था।
1995 में नई दिल्ली जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ट्रेन कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन से जा टकराई। उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद में हुए इस हादसे में 250 लोगों की मौत हो गई थी और 300 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे। ख़बरों के मुताबिक़ यह हादसा तब हुआ जब कालिंदी एक्सप्रेस से एक गाय को टक्कर लगी और उसमें कुछ तकनीकी ख़राबी आ गई। जैसे ही ट्रेन रुकी, पीछे से आ रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ने उसे ज़ोरदार टक्कर मार दी। यह ट्रेन हादसा भारत में हुई रेल दुर्घटनाओं में से सबसे भयानक हादसों में गिना जाता है।
20 अगस्त भारत में सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे 'समरसता दिवस' और 'राजीव गांधी अक्षय ऊर्जा दिवस' के नाम से भी जाना जाता है। यह दिवस भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की स्मृति में मनाया जाता है। राजीव गांधी सरकार का एकमात्र मिशन दूसरों के लिए अच्छी भावना रखना था। भारत के सभी धर्मों के बीच सामुदायिक समरसता, राष्ट्रीय एकता, शांति, प्यार और लगाव को लोगों में बढ़ावा देने के लिए यह दिवस हर साल कांग्रेस पार्टी की ओर से मनाया जाता है।
8 سال پیش
در تاریخ 1395/05/29 منتشر شده
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