महिला दिवस पर कविता /Komal Hai Kamzor Nahin /नारी सशक्तीकरण पर कविता

SnehanKur Deshing
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महिला दिवस पर कविता /Komal Hai Kamzor  Nahin/नारी सशक्तीकरण पर कविता by Snehankur Deshing
जिन नारियों का आत्मविश्वास डगमगा रहा है, जो अपने आप को कमजोर समझ रहीं हैं, वह इस गीत को पढ़कर एक जोश अपने में भर लें !!नारी लेखन का दायरा अब भी सीमित है लेकिन समर्थ लेखिका पुनिता साह ने शानदार कलम चलाई है। कोमल है कमजोर नहीं तू , शक्ति का नाम ही नारी है। जग को जीवन देने वाली मौत भी तुझसे हारी है !!
कोमल है कमजोर नहीं तू,शक्ति का नाम ही नारी है !!

जग को जीवन देने वाली ,

मौत भी तुझसे हारी है !!

सतियों के नाम पे तुझे जलाया ,

मीरा के नाम पे जहर पिलाया !!

सीता जैसी अग्नि परीक्षा,

आज भी जग में जारी है !!

कोमल है कमजोर नहीं तू , शक्ति का नाम ही नारी है !!

इल्म , हुनर में, दिल दिमाग में ,

किसी बात में कम तो नहीं !!

पुरुषों बाले सारे ही,

अधिकारों की अधिकारी है !!

बहुत हो चुका अब मत सहना ,

तुझे इतिहास बदलना है !!

नारी को कोई कह ना पाए ,

अबला है बेचारी है !!

कोमल है कमजोर नहीं तू, शक्ति का नाम ही नारी है ...

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6 سال پیش در تاریخ 1397/12/15 منتشر شده است.
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