स्पेशल भजन। मेरी हर मुस्किल का हल-बन जाता तू ही है। श्रीअनिरुद्धाचार्य जी #bhajan #aniruddhacharyaji

Aniruddhacharya ji
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2.4 میلیون بار بازدید - پارسال - स्पेशल हिन्दू नववर्ष भजन। मेरी
स्पेशल हिन्दू नववर्ष भजन। मेरी हर मुस्किल का हल-बन जाता तू ही है। श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज #shrianiruddhacharyajimaharaj #aniruddhacharyajilive #vrindavan #bhajan एक ही संकल्प, एक ही नारा । सेवा ही है, धर्म हमारा।। - श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज सनातन धर्म की ध्वजा को लेकर पूरे विश्व में लाखों-करोड़ों लोगों को गौरी गोपाल भगवान की भक्ति और अपनी अमृतमयी वाणी से सेवा, संस्कृति और संस्कारों से जोड़कर लोगों का जीवन बदलने वाले श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है। आपको जानकार खुशी होगी कि यह यूट्यूब चैनल पूरे विश्व में अध्यात्म का सबसे बड़ा यूट्यूब चैनल है जहाँ ठाकुर जी नित्य दिव्य लीलाओं का श्रवणपान कथाओं के माध्यम से कराया जाता है। आइए हम भी इस परिवार का हिस्सा बनकर सनातन धर्म को और उच्च शिखर तक पहुंचाने में पूज्य महाराज जी की मदद करें- पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज और गौरी गोपाल आश्रम के तत्वावधान में निरंतर चलने वाली सेवाएं जिनसे जुड़कर आप अपने धन को धर्ममय बनाकर पुन्य की प्राप्ति अवश्य करें- वृद्ध आश्रम पूज्य महाराज जी के पावन सानिध्य में श्री धाम वृंदावन की पावन पवित्र भूमि पर एक ऐसे आश्रम की नींव रखी गई जहां संपूर्ण मातृशक्ति को सम्मान तो मिलेगा ही साथ ही वहां अपनों का प्यार भी पूज्य महाराज श्री जी से मिलेगा और उस आश्रम का नाम रखा गया गौरी गोपाल वृद्धाश्रम .. बदलते समाज की अवधारणा ने एक ऐसा भीषण रूप ले लिया है जहां अपने सगे पुत्र ही अपने माता पिता को दर-दर भटकने के लिए मजबूर कर देते हैं और उन्हें हाथ पकड़ कर घर से बाहर धकेल देते हैं जब यह पीड़ा पूज्य महाराज श्री तक पहुंची तब उन्होंने ऐसा संकल्प लिया कि हम ऐसे अपनों के द्वारा ठुकराए हुए सताए हुए वृद्धजनों की सेवा करेंगे और एक संकल्प के साथ में आश्रम की नींव रखी गई जहां लगभग 262 से कहीं ज्यादा वृद्ध मां अभी भी रह रहीं हैं। पूज्य महाराज श्री जी का सपना है कि हम 1000 से कहीं ज्यादा वृद्धमाताओं को आश्रय देते हुए आदर भाव, सम्मान सहित सभी माताओं की सेवा करें। गौरी गोपाल अन्नक्षेत्र सेवा अन्न दानं समं दानं, ना भूतो ना भविष्यति। देवर्षि-पित्र-भूतानां, तृप्तिरन्नेन जायते ।। (गर्ग सहिंता) अन्य क्षेत्र के समान दान ना तो पूर्व में हुआ है ना अब है ना आगे भविष्य में होगा क्योंकि देवताओं की ऋषियों की पितरों की इत्यादि सभी की तृप्ति अन्न से ही होती है । अतः स्पष्ट है की अन्नदान से बढ़कर दूसरा कोई दान हो ही नहीं सकता इसलिए पूज्य महाराज श्री जी ने श्री धाम वृंदावन में वितरण कर ठाकुर जी की भक्ति कर रहे साधु-संतों और जरूरतमंदों की सेवा को देखते हुए नित्य अन्य क्षेत्र की सेवा करने का संकल्प लिया जिसमें हजारों लोग आज प्रसादी पाते हैं और आशीर्वाद देते हुए जाते हैं । गौरी गोपाल रसोई श्री धाम वृंदावन में चल रही नित्य गौरी गोपाल अन्यक्षेत्र के पावन सेवा के साथ गौरी गोपाल जी की रसोई की सेवा भी प्रारंभ की गई जहां अन्यक्षेत्र में तो लोग प्रसादी पाते ही हैं साथ ही गौरी गोपाल जी की रसोई में नित्य प्रातः कालीन बेला से लेकर रात्रि कालीन बेला तक श्री धाम वृंदावन में पधारने वाले भक्त, साधु संत और जरूरतमंद लोग कभी भी आकर प्रसादी पा सकते हैं । ऐसा सेवा का प्रकल्प पूज्य महाराज जी द्वारा चलाया गया है आप भी गौरी गोपाल जी की पावन रसोई की सेवा से अपने आप को जोड़ सकते हैं और हजारों लोगों को प्रसादी अपने हाथों से पवा सकते हैं गौरी गोपाल गौशाला अनादि काल से ही मानवजाति गौवंश की सेवा कर अपने जीवन को सुखी, समृद्ध, निरोगी और सौभाग्यशाली बनाती आ रही है क्योंकि गौमाता एक जीता जागता जागृत भगवान ही है जिसके अंदर सभी देवी देवताओं का वास है और कहते हैं कि एक मात्र गौ सेवा करने से मनुष्य अपनी समस्त मंगल कामनाओं की पूर्ति कर सकता है और सभी देवों को प्रसन्न भी कर सकता है। बस इसी आस्था के पथ पर चलते हुए पूज्य श्री महाराज जी द्वारा संपूर्ण गोवंश की सेवा का संकल्प लेते हुए गौरी गोपाल गौशाला की नींव रखी गयी। जिसमें आज बड़ी सुंदर देखरेख के साथ गौ माताओं की सेवा हो रही है आप भी इनको माताओं की सेवा से अपने आप को जोड़कर पुण्य कमा सकते हैं बंदर सेवा पूज्य महाराज श्री जी के द्वारा चलाए जा रहे सेवा प्रकल्पों में बंदरों की भी सेवा नित्य प्रति होती है जहां पूज्य महाराज श्री जी अपने हाथों से इन बंदरों को चने, केले और रोटी इत्यादि खिलाते हैं । आप भी इन सभी सेवाओं से अपने आप को जोड़कर पुन्य की प्राप्ति जरूर करें धन्यवाद।।।।। FOR MORE QUERIES: 6399991599, 6399991699, 6399991799 ▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬
پارسال در تاریخ 1402/01/03 منتشر شده است.
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