Ghazal | Dushyant Kumar | रोज़ रात को जब बारह का गज़र होता है | Hindi Poetry | Hindi Ghazal | ग़ज़ल | AT

Poetry with Aakarsh Tyagi
Poetry with Aakarsh Tyagi
288 بار بازدید - 3 سال پیش - कोई रहने की जगह है
कोई रहने की जगह है मिरे सपनों के लिए
वो घरौंदा ही सही मिट्टी का भी घर होता है

रोज़ जब रात को बारह का गजर होता है
यातनाओं के अँधेरे में सफ़र होता है

सिर से सीने में कभी पेट से पाँव में कभी
इक जगह हो तो कहें दर्द इधर होता है

ऐसा लगता है कि उड़ कर भी कहाँ पहुँचेंगे
हाथ में जब कोई टूटा हुआ पर होता है

सैर के वास्ते सड़कों पे निकल आते थे
अब तो आकाश से पथराव का डर होता है


हिंदी गजलों की दुनिया में अगर किसी का सबसे बड़ा योगदान है तो वह नाम है दुष्यंत कुमार त्यागी जिसने दुनिया को यह सिखाया की ग़ज़लें सिर्फ उर्दू फारसी अरबी की मोहताज ही नहीं है जिन्होंने हिंदी भाषियों को यह जज्बा दिया कि वह भी हिंदी में गजलों को लिख, पढ़, सुन सकते हैं । यह हमारी छोटी सी कोशिश है उनकी बेहतरीन गजलों का एक संग्रह बनाकर संजोने की जिससे आने वाली पीढ़ियों को इन्हें सुनकर पढ़कर प्रेरणा मिलती रहे ।

हिंदी ग़ज़ल सम्राट दुष्यंत कुमार जी की कुछ बेहतरीन गजलो को उनकी इस प्ले लिस्ट "ग़ज़ल संग्रह" दुष्यंत कुमार में सुन सकते हैं ।


#Ghazal #DushyantKumar

Ignore Random Tags,
दुष्यंत कुमार की कविताएं, दुष्यंत कुमार की गजलें, दुष्यंत कुमार की कविता, दुष्यंत कुमार, दुष्यंत कुमार ग़ज़ल, दुष्यंत कुमार की गजल, दुष्यंत कुमार की शायरी, दुष्यंत कुमार की कविता, दुष्यंत कुमार कुमार विश्वास, दुष्यंत कुमार का जीवन परिचय
Dushyant kumar poetry, dushyant kumar ghazal, dushyant kumar ki ghazal, dushyant kumar ghazal class 11, dushyant kumar ki kavita, dushyant kumar poetry tu kisi rail si, दुष्यंत कुमार, dushyant kumar 2 line shayari, Dushyant kumar poetry, dushyant kumar ghazal, dushyant kumar ki ghazal, dushyant kumar ghazal class 11, dushyant kumar ki kavita, dushyant kumar poetry tu kisi rail si, दुष्यंत कुमार की कविताएं, दुष्यंत कुमार की गजलें, दुष्यंत कुमार की कविता, दुष्यंत कुमार ग़ज़ल, दुष्यंत कुमार की गजल, दुष्यंत कुमार की शायरी, दुष्यंत कुमार कुमार विश्वास, दुष्यंत कुमार का जीवन परिचय, Dushyant kumar, Dushyant kumar ki shayari
3 سال پیش در تاریخ 1399/12/14 منتشر شده است.
288 بـار بازدید شده
... بیشتر