दुकान, व्यापार तथा घर का बंधन खोलने का मंत्र | Mantra to open the bond of house, shop and business

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मंत्र तंत्र यंत्र चैनल में आप सभी का स्वागत है आज मैं यहां आप सभी के लिए दुकान तथा व्यापार का बंधन खोलने का मंत्र लेकर आया हूं गुरू गोरख नाथ जी ने साबर मंत्रो की रचना करके समाज का बहुत भला किया । ये मंत्र बहुत तीव्र प्रभावी और अचूक होते है । परोपकारी कार्यो मे साबर मंत्रो का कोई मुकाबला नही कर सकता । मैं आज एक ऐसे ही साबर मंत्र को दे रहा हूँ ये प्राचीन मंत्र है इस एक मंत्र द्वारा ही साधक कई कार्यो को साध लेता है । जैसे किसी के घर के बंधन को खोलना , किसी की दुकान व्यापार प्रतिष्ठान को बंधन मुक्त करना , किसी मनुष्य को किसी ने मंत्र द्वारा कुछ बंधन कर रखा हो तो उसे हटाया जा सकता है । इस मंत्र के प्रभाव से बंधन खोलकर दुकान व्यवसाय को खोला जाता है ताकि वो फिर से पहले की भाति चलने लगे। इस मंत्र को सिद्ध करने की विधि इस प्रकार है मंत्र को किसी भी शुभ दिन , पूर्णिमा , अमावस्या से सुरू करके उत्तर मुख होकर 1 माला का जाप करना है । प्रतिदिन एक माला ऐसे 11 दिन तक जाप करने से मंत्र सिद्ध हो जायेगा । मंत्र को अधिक प्रभावी बनाने के लिये अधिक माला का जाप भी किया जा सकता है । गुरू गोरख नाथ गुरू मछेन्द्रनाथ का पंचोपचार पूजन करके जाप करे मंत्र जाप के लिए माला रूद्राक्ष की लें । इस मंत्र को रात्रिकाल दस के बाद जाप कर सकते है । इस मंत्र को प्रयोग करने की विधि इस प्रकार है किसी शनिवार या मंगल को ये प्रयोग करना ज्यादा ठीक है । मंत्र सिद्ध करने के बाद किसी के घर दुकान के बंधन खोलने हो तो मंत्र से काली साबुत उडद को 21 बार अभिमंत्रित करके सबसे पहले दरवाजे पर मारे फिर घर या दुकान मे चारो ओर मारे याद रखे, छिटकने नही है तेजी से मारने है । फिर एक कटोरी में गंगाजल लेकर मंत्र 21 बार बोल कर अभिमंत्रित करें और पूरे घर या दुकान मे छिटके । बस आपका बंधन हट जायेगा और पहले से भी दोगुनी रोनक आ जाएगी । इस मंत्र को मैं 108 बार जाप करके दे रहा हूं कृपया उसे सुने और लाभ लें चैनल को सब्सक्राइब करें धन्यवाद मंत्र अल खोलू बल खोलू जल खोलू थल खोलू धरती आकाश खोलू चलता हुया योगी खोलू घर व्यापार खोलू गद्दी बैठा बनिया खोलू जो इतना ना खुलें तो गुरू गोरख नाथ लाजे मेरा खोला ना खुले तो गुरू मछेन्द्रनाथ लाजे काज व्यापार चले ना चले तो शिव की लटा टूटभूमि पे परें शब्द साचॉ पिंड कॉचा फुरै मंत्र ईश्वरो वाचा सत नाम आदेश गुरू का ।
پارسال در تاریخ 1402/02/02 منتشر شده است.
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