Guru Mahima Bhajan by Madan Gopal | गुरु महिमा है अपार जगत में | मदन गोपाल भजन

Anjan TV
Anjan TV
1.2 میلیون بار بازدید - 3 سال پیش - गुरु महिमा है अपार जगत
गुरु महिमा है अपार जगत में  | मदन गोपाल भजन | Guru Mahima Bhajan by Madan Gopal

1. गुरु महिमा है अपार (00:00 Minutes)
2. गुरु चरण कमल बलिहारी (10:34 Minutes)
3. गुरु पइयां लागूं नाम (16:56 Minutes)
4. भाग्य बड़े सदगुरु में पायो (23:47 Minutes)
5. गुरु की मूरत मन में  (32:04 Minutes)
6. मन ठंडा ठरियां जी (42:03 Minutes)

1.
गुरु महिमा है अपार जगत में, गुरू महिमा है अपार।।
गुरु कृपा से कितने ही तर गये, हो गये भव से पार।। जगत में....

पत्थर में भी प्राण पुगाते, जड़ को चेतनवंत बनाते,
प्रेम दया भंडार।। जगत में....

मंद बुद्धि की जड़ता हरते, मूरख को भी ज्ञानी करते,
जीवन के करतार।। जगत में....

भेद-भाव हृदय नहीं धरते, ज्ञान दीप से तिमिर को हरते,
तेज पुंज अवतार।। जगत में....

सब प्रेमी मिल धूम मचाओ, सद्गुरु के गुण प्रेम से गाओ,
हंस नाम है सार।। जगत में....

2.
गुरु चरण कमल बलिहारी रे, मेरे मन की दुविधा टारी रे।।

भव सागर में नीर अपारा, डूब रहा नहीं मिले किनारा।
पल में लिया उबारी रे।।

काम क्रोध मद लोभ लुटेरे, जनम-जनम के बैरी मेरे।
सब को दीन्हा मारी रे।।

द्वैत भाव सब दूर कराया, पूरण ब्रह्म एक दरशाया।
घट-घट जोत निहारी रे।।

जोग जुगत गुरुदेव बताई, “ब्रह्मानंद” शांति मन आई।
मानुष देह सुधारी रे।।

3.
गुरु पइयां लागूं नाम लखाय दीजो रे।।

जनम-जनम का सोया मेरा मनवा,
शब्दन मार जगाय दीजो रे।।

घट अंधियारा नैन नहीं सूझे,
ज्ञान का दीपक जगाय दीजो रे।।

विष की लहर उठत घट अंदर,
अमृत बूंद चुवाय दीजो रे।।

गहरी नदिया अगम बहे धरवा,
खेई के पार लगाय दीजो रे।।

“धर्मदास” की अरज गुसाई,
अब की खेप निभाय दीजो रे।।

4.
भाग्य बड़े सतगुरू मैं पायो, मन की दुविधा दूर नसाई।।

बाहर ढूंढ फिरा मैं जिसको, सो वस्तु घट भीतर पाई।।

सकल जून जीवन के माहीं, पूरण ब्रह्म ज्योति दरशाई।।

जनम-जनम के बंधन काटे, चौरासी लख त्रास मिटाई।।

“ब्रह्मानंद” चरण बलिहारी गुरू महिमा हरि से अधिकाई।।

5.
गुरु की मूरत मन में ध्याना। गुरु के शब्द मंतर मन माना।।

गुरु के चरण हृदय लै धारो। गुरु पारब्रह्म सदा नमस्कारो।।

मत कोई भरम भूलो संसारी। गुरु बिन कोई न उतरसि पारी।।

भूले को गुरू मारग पाया। अवर तियाग हरि भक्ति लाया।।

जन्म-मरण की त्रास मिटाई। गुरु पूरे की बे-अंत बड़ाई।।

जिन्ह पाया तिन्ह गुरू ते जाना। गुरू कृपा ते मुग्ध मन माना।।

गुरु प्रसादि उर्ध कमल बिगाशै। अंधकार में भया प्रकाशै।।

गुरु करता गुरू करने योगः। गुरु परमेश्वर है भी होगः।।

कहे नानक प्रभु एहो जनाई। गुरु बिन मुक्ति न पाइये भाई।।

6.
मन ठंडा ठरियां जी, गुरुजी दर्शन करके तेरा।।
दरस गुरुं दा सबसे आला, मन मेरे विच हुआ उजाला।
लक्ख जोतां जगियां जी।। गुरुजी दर्शन........

सतगुरु अनहद तूर बजाया, जो सब भक्तां दे मन भाया।
मन विच सुर भरियां जी।। गुरुजी दर्शन........

सतगुरु पावन नाम जपाया, मन एकाग्र कर दिखलाया।
आनंद लहर बहाईयां जी।। गुरुजी दर्शन........

कोई भागां वाला ही सत्संग पाये, दो घड़ियां जो सुरत जमाये।
फल उसने पाया जी।। गुरुजी दर्शन........

सब जग में एक हंस समाया, जो प्रेमी दे मन नू भाया।
गुरु चरणां चित लाईयां जी।। गुरुजी दर्शन........

अपने दोस्तों और अन्य लोगों के साथ शेयर करना न भूलें।
हमारे साथ जुड़े रहें !!

► Subscribe: myanjantv
► Like us on Facebook: Facebook: myanjantv
► Visit us on Website: https://anjan.tv
______________________
© सर्वाधिकार सुरक्षित आप मीडिया प्रा. लिमिटेड
© Copyright AAP Media Private Limited













#bhajan #bhajanindia
3 سال پیش در تاریخ 1400/05/02 منتشر شده است.
1,244,929 بـار بازدید شده
... بیشتر