अब्दुल हमीद के बेटे ने ऐसे ललकारा आतंकवादियों को।

Brajbhushan Markandey
Brajbhushan Markandey
33.2 هزار بار بازدید - 6 سال پیش - नहीं होती आतंकियों की कोई
नहीं होती आतंकियों की कोई जाति। अब चुप रहना कायरता होगी। घुसकर मारने की जरूरत है।
ऐसा कहना है 1965 के युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाने वाले मरणोपरांत सेना के सर्वोच्च पुरस्कार परमवीर चक्र विजेता से नवाजे गए शहीद वीर अब्दुल हमीद के सुपुत्र सेना के जवान रहे जैनुल हसन का।
जैनुल हसन ने कहा कि जिस प्रकार आतंकवादियों का कोई धर्म व वसूल नहीं होता है उसी प्रकार पाकिस्तान ने भी पूरी तौर पर इस्लाम का उल्लंघन किया है, उसका भी नहीं है कोई धर्म और ईमान।
उन्होंने सीआरपीएफ के जवानों की शहादत पर ना केवल दुख व्यक्त किया बल्कि यह भी कहा कि दो रात से हमारी नींद प्रभावित हो रही है।
कलेजे में हूक उठ रही है कि दुश्मन को किस प्रकार हम नेस्तनाबूद कर दें।
उनका यह भी कहना था कि यदि किसी जनप्रतिनिधि और मिनिस्टर का बेटा सरहद पर होता तब उन्हें शहादत का एहसास सही अर्थों में हो पाता।
परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद की पुत्री नाजमुन निशा ने कहा कि अब भारत सरकार को किसी भी प्रकार का कोई विलंब नहीं करना चाहिए आक्रमण और केवल निर्णायक आक्रमण जिससे कि दुश्मन हमारी तरफ आंख उठाकर भी ना देख सके।
6 سال پیش در تاریخ 1397/11/26 منتشر شده است.
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