Kumbh 2019 Prayagraj (Allahabad) documentary in 4K | कुम्भ 2019 प्रयागराज (इलाहाबाद)

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1.8 میلیون بار بازدید - 6 سال پیش - #Kumbh_2019
#Kumbh_2019 #Prayagraj (Allahabad) Uttar Pradesh documentary in 4K | #कुम्भ_2019 प्रयागराज (इलाहाबाद)

प्रयाग कुम्भ में महास्नान के लिए जाने से पहले ये वीडियो अवश्य देखें!

आइये एक आम आदमी के दृष्टिकोण से  इस कुम्भ को अनुभव करने का प्रयास करते हैं।
आप में से अधिकांश लोग15 जनवरी से 4 मार्च यानि 50 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में शामिल होने के लिए अवश्य आएंगे । इस आशा के साथ इस वीडियो को बनाने का प्रयास किया गया है कि उस क्षण आपका अनुभव कैसा होगा?
प्रयागराज पहुंचने के दो मुख्य साधन है।
रेल मार्ग एवं  सड़क।
यदि आप रेलगाड़ी के माध्यम से कुंभ में स्नान करने के लिए आ रहे हैं तो प्रयागराज में स्थित कुछ स्टेशन इसमें अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं।
प्रयागराज का प्रमुख स्टेशन है इलाहाबाद जंक्शन।  जहां करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ संभावित है।   आवागमन के दृष्टिकोण से प्रयागराज का मुख्य केंद्र इलाहाबाद जंक्शन ही होगा।  जहां से कुंभ पर्व का मुख्य आकर्षण गंगा यमुना के संगम क्षेत्र की दूरी है मात्र 8 किलोमीटर। मुख्य तिथियों पर बहुत अधिक भीड़ होने से आपको यह दूरी पैदल ही तय करनी पड़ सकती है। इसके अतिरिक्त अन्य तिथियों पर आपको कुंभ के लिए विशेष रूप से सुसज्जित की गई बसें संगम क्षेत्र तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होंगी।
इलाहाबाद जंक्शन से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है प्रयागराज का एक और मुख्य स्टेशन इलाहाबाद सिटी। जहां आमतौर पर बहुत अधिक भीड़ नहीं होती लेकिन कुंभ क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए इस स्टेशन की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है।  सुबह के 5:45 पर इलाहाबाद सिटी से मऊ तक चलने वाली पैसेंजर ट्रेन से मऊ व बनारस से आने वाले यात्रियों की काफी संख्या में भीड़ देखी जाएगी।
बनारस, पटना, आरा, गया इस ओर  से आने वाले यात्रियों को कुंभ क्षेत्र तक पहुंचाने में झूंसी स्टेशन की भूमिका विशेष होगी। झूसी स्टेशन पर उतरने वाले यात्री 3 किलोमीटर पैदल यात्रा करके अरेल  कुंभ क्षेत्र तक पहुंच सकते हैं। स्थानीय पुलिस यात्रियों के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार करें इसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।  स्टेशन परिसर आपराधिक गतिविधियों से सुरक्षित रहे इस दृष्टिकोण से भी पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
गोरखपुर गोंडा फैजाबाद सुल्तानपुर प्रतापगढ़ व मऊआइमा की तरफ से आने वाले यात्रियों के लिए फाफामऊ जंक्शन के बाद सबसे अधिक व्यस्त स्टेशन होगा प्रयाग जंक्शन। यहां से जो रेलगाड़ियां सीधे प्रयाग घाट टर्मिनल की तरफ जाएंगी  उन यात्रियों के लिए कुम्भ क्षेत्र की दूरी मात्र 1 किलोमीटर होगी।अन्य  श्रद्धालुओं के लिए प्रयाग जंक्शन पर ही उतर कर कुंभ के लिए निर्धारित बसों के जरिए संगम क्षेत्र तक  पहुंचना अधिक सुगम होगा। यहाँ से आप पैदल भी  6 किलोमीटर चलकर संगम क्षेत्र तक पहुंच सकते हैं।
सतना रीवा कटनी जबलपुर सिंगरौली इस दिशा से आने वाले यात्री छिवकी जंक्शन या फिर नैनी जंक्शन पर उतरकर 6 किलोमीटर दूर अरैल घाट की तरफ जा सकते हैं।  
यदि आप सड़क मार्ग से अपने व्यक्तिगत वाहन या किसी अन्य साधन से  कुंभ में स्नान करने के लिए आ रहे हैं तो   प्रत्येक राजमार्ग पर बनाए गए विशेष  प्रवेश द्वार के निकट ही वाहन स्टैंड में अपने साधन को खड़ा करने के बाद कुंभ के लिए चलाई गई बसों के द्वारा संगम क्षेत्र की तरफ गमन करना होगा। हर स्टैंड से  लगभग 200 बसें निरंतर यात्रियों को कुंभ क्षेत्र तक ले जाने के लिए सक्रिय रहेंगी। मुख्य पर्व पर शहर में अन्य वाहन निषेध होंगे ताकि पैदल यात्रियों को किसी भी तरह की कठिनाई का सामना ना करना पड़े।
आप किसी भी साधन से  इस महा स्नान में सम्मिलित होने के लिए पधारें लेकिन संगम क्षेत्र के दो मुख्य और अलग वातावरण का अनुभव आप करेंगे। एक दिन दूसरा रात ! दोनों का ही अनुभव सर्वथा भिन्न !

दिन के समय जब वातावरण में सूर्य का प्रकाश विकीर्ण होगा क्षितिज के अंतिम छोर तक चारों दिशाओं में रंग बिरंगे टेंट,  लोगों के आवागमन के लिए बनाए गए सेतू और भारी संख्या में श्रद्धालुओं से आच्छादित संगम की यह पवित्र भूमि आपको विश्व का सबसे सघन अस्थाई रूप से स्थापित एक पौराणिक शहर का आभास कराएगी।
सूर्य के अस्त होने के पश्चात  जब प्रकाश निरंतर सघन होते जा रहे तिमिर  के महाबल से क्षितिज के छोर पर संपीड़ित होने लगता है  तब तमस अपने अंधकार को विस्तार देता है।

कुम्भ के बारे में अधिक जानकारी के लिए ये लिंक देख सकते हैं।

https://hi.wikipedia.org/wiki/कुम्भ_मेला
https://en.wikipedia.org/wiki/Kumbh_Mela
https://kumbh.gov.in/

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इस वीडियो को बनाया और एडिट किया गया है ब्रेन्स नेत्र लैब में
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6 سال پیش در تاریخ 1397/10/24 منتشر شده است.
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