रत्नों का चमत्कार करेगा कल्याण,यह रत्न पहनना है बहुत जरुरी,

नक्षत्र तक
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Astrology is an ancient concept, as old as time, you can say. It is an importance aspect of our lives – our past, present and future. To a great extent, astrology is used to forecast and predict future events and can also be used as a medium to get rid of any kind of mishap related to planetary positions.

प्रकृति ने हमें बेशकीमती तोहफों के रूप में नायाब रत्‍न दिए हैं। ज्‍योतिष के मुताबिक, मानव जीवन में इन रत्‍नों की अहम भूमिका होती है। इनमें से कुछ एक रत्‍नों को धारण करके स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी कुछ समस्‍याओं को दूर किया जा सकता है। इतना ही नहीं ये रत्‍न बॉडी की एनर्जी को भी बनाए रखने में मददगार होते हैं।

चार उँगली और नौ रत्न (Gemstone Astrology in Hindi)
पुखराज तर्जनी में ही पहना जाता है, ऊँगली दिखाना अभिमान का पतीक है कोई भी आदेश तर्जनी उंगली से देता है। यही उंगली विरोध का कारण बनती है, पर कभी होशियारी मैं  भी काम आती है। इसलिए पुखराज पहनने की सलाह दी जाती है। पुखराज पहनने गंभीरता आती है। और अन्याय के प्रति सजग हो जाता है। और धर्म-कर्म में भी आस्था जगाता है। पुखराज से गुरु का प्रभाव बढ़ाने और उसके अशुभ प्रभाव को खत्म किया जाता है। (Astrology Gemstone) पुखराज अधिकांश वही व्यक्ति पहनते हैं जो राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी, न्यायाधीश, मंत्री, राजनायक, अभिनेता आदि होते है। पुखराज और माणिक को एक साथ पहना जाए तो और भी शुभ फल भी मिलते हैं। नीलम को मध्यमा में धारण किया जाता है तथा इसके अलावा कोई भी रत्न नहीं पहनना चाहिए अन्यथा परिणाम शुभ नहीं मिलते हैं। भाग्य रेखा भी इस उंगली पर आकर खत्म होती है।

नीलम (Sapphire)
नीलम शनि के शुभ फल देने में सहायक होता है, यह अक्सर लोहे के व्यवसायी, प्रशासनिक व्यक्ति, राजनेता भी पहने देखे जा सकते है। इसके बारे में यह कहावत है कि यह रत्न तुरन्त फलदायी होता है व इसका शुभ या अशुभ परिणाम शीध्र देने में सक्षम हैं। यह रत्न बगैर किसी जानकार की सलाह के नहीं पहनना चाहिए।

ऐमिथिस्ट (जामुनिया)
बैंगनी रंग के इस स्‍टोन को धारण करने से मन में कभी घबराहट नहीं पैदा होती। माना जाता है कि इसे पहनने से किसी प्रकार का तनाव, किसी भी प्रकार का डिसऑर्डर और किसी चीज की बुरी आदत को कंट्रोल किया जा सकता है।

पर्ल (मोती)
सफेद मोती को शांति का प्रतीक माना जाता है। यह दिमाग को ठंडा रखने और क्रोध पर काबू रखने में मददगार है। इसे चांदी की अंगूठी में कनिष्‍ठा उंगली में धारण करने से अच्‍छे परिणाम मिलते हैं।कनिष्का उंगली में मोती पहनना शुभ फलदायी रहता है, क्योंकि कनिष्का उंगली के ठीक नीचे चन्द्र पर्वत है। इस कारण चन्द्र के अशुभ परिणाम व शुभत्व के लिए शुभ रहता है। उसे अनामिका में नहीं पहनना चाहिए। गुरु की उंगली तर्जनी में भी पहन सकते हैं। यह रत्न मन को अशान्ति से बचाता है व जिन्हें ज्यादा गुस्सा आता हो, जो जल कार्य से जुड़े व्यक्ति, दूध व्यवसायी, सफेद वस्तुओं के व्यवसाय से जुडे़ व्यक्ति भी पहन सकते हैं। इसे पुखराज के साथ व माणिक के साथ भी पहना जा सकता है।

एमरल्ड (पन्‍ना)
ज्‍योतिष शास्‍त्र में महत्‍वपूर्ण स्‍थान रखने वाला यह रत्‍न सेहत की दृष्टि से भी बहुत उपयोगी माना जाता है। हरे रंग के इस रत्‍न को धारण करने से आंखों, पीठ दर्द और दिल की बीमारियों की आशंका घटती है।कनिष्का उंगली में पन्ना पहना जाता है। यह बौधिक गुणों को बढ़ाता है, जिसे बिजनेसमैन ज्यादा पहनते हैं। इसको पहनने से पत्रकारिता, सेल्समैन, प्रकाशन, दिमागी कार्य करने वाले, कलाकार, वाकपटु व्यक्ति भी पहनते हैं।

कोरल (मूंगा)
मूंगा हाई ब्‍लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार माना जाता है। माना जाता है कि इसे पहनने से बॉडी का नर्वस सिस्‍टम भी कंट्रोल में रहता है।

माणिक (Ruby)
माणिक अनामिका में पहना जाता है, यह सूर्य का रत्न है। बर्मा का माणिक अधिक महंगा होता है, वैसे आजकल कई नकली माणिक भी बर्मा का कहकर बेच देते हैं। बर्मा का माणिक अनार के दाने के समान होता है। इसके पहनने से प्रशासनिक, प्रभाव में वृद्धि व शत्रुओं को परास्त करने में भी सक्षम है। इसे भी नेता राजनीति से संबंध रखने वाले, उच्च पदाधिकारी, न्यायाधीश, कलेक्टर आदि की उंगली में देखा जा सकता हैं।

हीरा, मोती, मूँगा, गोमेद (Diamond, Pearl, Coral, Agate)
हीरा, मोती, मूँगा, गोमेद व लहसुनियां। मूंगा ऊर्जा बढ़ाने वाला, साहस, महत्वाकांक्षा में वृद्धि व शत्रुओं पर प्रभाव डालने वाला होता है। इसके मित्र गुरु, सूर्य हैं व मकर में उच्च का होने से इसे मध्यमा, तर्जनी व अनामिका में धारण किया जाता है। इसको अक्सर राजनीतिज्ञ, पुलिस प्रशासन से जुडे व्यक्ति व उच्च पदाधिकारी, भूमि से संबंधित व्यक्तिगण, बिल्डर, कॉलोनाइजर आदि द्वारा पहना हुआ देखा जा सकता है। इसे माणिक, पुखराज के साथ भी धारण कर सकते हैं। जिन्हें गुस्सा अधिक आता हो वे इस रत्न को ना पहने। मूंगे को मोती के साथ भी या संयुक्त रत्न की अंगूठी पहनी जा सकती है।

गोमेद (Agate)
राहु का रत्न गोमेद कनिष्का में पहनना चाहिए क्योंकि मिथुन राशि में उच्च का होने से बुध की उंगली कनिष्का में पहनना शुभ फलदायी रहता है। इसे राजनीति, जासूसी, जुआ-सट्टा, तंत्र-मंत्र से जुडे़ व्यक्ति आदि पहनते हैं। यह राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करता है।
रत्नों का चमत्कार करेगा कल्याण,यह रत्न पहनना है बहुत जरुरी,
2 سال پیش در تاریخ 1401/09/17 منتشر شده است.
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