Miracle Question | सही प्रश्न से सही जगह चोट | Harshvardhan Jain | 7690030010

Harshvardhan Jain
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41.8 هزار بار بازدید - 2 ماه پیش - #MiracleQuestion
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Whenever you meet someone, be a spokesperson of your personality through your words because whatever glimpse of your character you show when you meet him for the first time, the same impact will be established in the form of an idol in the temple of his mind.

प्रश्नों की भी सीमा रेखा होती है। हम जैसे प्रश्न पूछते हैं, वैसा ही उत्तर मिलता है। यदि प्रश्न प्रभावशाली होते हैं, तो उत्तर भी प्रभावशाली होते हैं। प्रश्नों की जितनी गहराई होती है, उत्तर की उतनी ही ऊंचाई होती है। इसलिए अपने प्रश्नों की सीमा रेखाओं को ध्यान में रखकर पूछने की आदत बनाएं। प्रश्नों की रचना शब्दों के चुनाव से होती है। आप जितने प्रभावशाली शब्दों का प्रयोग करते हैं, उतना ही प्रभावशाली प्रश्न होता है। जितना प्रभावशाली प्रश्न होता है, उतनी ही बड़ी प्रश्न की सीमा रेखाएं होती हैं। सफल लोग सोच समझकर प्रश्न पूछते हैं, जिससे मिला हुआ उत्तर उनकी महत्वाकांक्षाओं के अनुकूल होता है। यदि आप अपने भविष्य को सुरक्षित बनाना चाहते हैं, तो अपने भविष्य को ध्यान में रखकर प्रश्न पूछने की आदत बनाएं। यदि यह आदत विकसित हो गई, तो आपकी अधिकांश समस्याओं के हल मिल जाएंगे, आपके अधिकांश प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे और आपकी मंजिलों के रास्ते मिल जाएंगे। इसलिए अपने भविष्य की सीमा रेखाओं को ध्यान में रखकर ही अपने प्रश्नों की सीमा रेखाओं का चुनाव करें। आपके उत्तर आपके भविष्य की सीमा रेखाओं का सम्मान भी करेंगे और स्वागत भी।

आप जब भी किसी व्यक्ति से मिलें, तो अपने शब्दों से अपने व्यक्तित्व के प्रवक्ता बनकर मिलें क्योंकि पहली बार मिलने पर आप अपने चरित्र की जैसी झलक दिखाएंगे, वैसा ही प्रभाव उसके मन मंदिर में मूर्ति स्वरूप स्थापित हो जाएगा। इसलिए अपने शब्दों की सार्थकता को ध्यान में रखकर लोगों का स्वागत करने की आदत बनाएं। यही आदत आपको सफलता के आसमान पर एकाधिकार बनाने का अवसर देगी। शब्द कभी कमजोर नहीं होते हैं, कमजोर सिर्फ हमारा चुनाव होता है। यदि हम प्रभावशाली शब्दों का चुनाव ही ना करें, प्रयोग ही ना करें, तो फिर प्रभावित करने की संभावनाएं निराधार हो जाती हैं। जब आप अपने व्यक्तित्व के प्रवक्ता बनकर किसी से बातचीत करते हैं, तब दूसरे की मर्यादाओं और दूसरे की सीमा रेखाओं का सम्मान करना आवश्यक होता है। यही सम्मान आपके संबंधों को नहीं ऊंचाइयां प्रदान करता है।

सफल व्यक्ति वही होता है जो यह जानता है कि कब बोलना है, क्या बोलना है, कितना बोलना है और किससे बोलना है। जब सही समय पर सही शब्दों का प्रयोग किया जाता है, जब सही समय पर सही उत्तर दिए जाते हैं, जब सही समय पर सही प्रश्न किए जाते हैं; तभी बातचीत सफल होती है, तभी सही माहौल बनता है और तभी सही व्यवहार बनता है। सफल लोग अपने शब्दों से लोगों में ऐसा उत्साह का सागर भर देते हैं कि उनकी योजनाओं के लिए अनुकूल माहौल और सहयोग प्राप्त हो जाता है। यदि आपको  सहयोगियों की आवश्यकता है, तो अपने शब्दों में सागर के समान सहयोग भरकर लोगों को प्रस्तुत करें अर्थात आप लोगों का सहयोग करने की आदत बना लें, लोग आपका सहयोग करने के लिए सदैव तैयार खड़े मिलेंगे। जीवन में व्यक्ति को वही मिलता है, जो उसने दुनिया को दिया होता है। इसलिए आप जो लोगों से चाहते हैं, वही आप लोगों को देने की कोशिश करें। दुनिया में सबसे ज्यादा उसी को मिलता है, जो दुनिया से मांगता नहीं है, सिर्फ देने के लिए हमेशा तैयार खड़ा रहता है। यही तैयारी उसे लीडर बनाती है और करोड़ों लोगों का सहयोग पाने योग्य बनाती है।

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2 ماه پیش در تاریخ 1403/02/21 منتشر شده است.
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