Ibn Battuta इब्नबतूता | इब्नबतूता पहन के जूता | सर्वेश्वर दयाल सक्सेना | कविता ||
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4 سال پیش
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#Study_And_Sing
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#इब्नबतूता
#इब्नबतूता_पहन_के_जूता
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
कविता
इब्न बतूता पहन के जूता
निकल पड़े तूफान में
थोड़ी हवा नाक में घुस गई
घुस गई थोड़ी कान में।
कभी नाक को कभी कान को
मलते इब्न बतूता
इसी बीच में निकल पड़ा
उनके पैरों का जूता।
उड़ते उड़ते जूता उनका
जा पहुंचा जापान में
इब्न बतूता खड़े रह गये
मोची की दुकान में
#इब्नबतूता
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सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
कविता
इब्न बतूता पहन के जूता
निकल पड़े तूफान में
थोड़ी हवा नाक में घुस गई
घुस गई थोड़ी कान में।
कभी नाक को कभी कान को
मलते इब्न बतूता
इसी बीच में निकल पड़ा
उनके पैरों का जूता।
उड़ते उड़ते जूता उनका
जा पहुंचा जापान में
इब्न बतूता खड़े रह गये
मोची की दुकान में
4 سال پیش
در تاریخ 1399/10/26 منتشر شده
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