चाक्षुषोपनिषत् | Chakshush Upanishad with Hindi Lyrics | Easy Recitation Series

Sanatan Sanskriti
Sanatan Sanskriti
866.2 هزار بار بازدید - 4 سال پیش - चाक्षुषोपनिषद स्तोत्र का नियमित जप
चाक्षुषोपनिषद स्तोत्र का नियमित जप नेत्र ज्योति एवं नेत्र रोग के निवारण हेतु यजुर्वेद में उल्लिखित है।
आँखों से सम्बंधित कोई बीमारी मे एक ताम्बे के लोटे में जल भरकर, पूजा स्थान में रखकर उसके सामने नियमित इस स्तोत्र के २१ बार पाठ करने के उपरान्त उस जल से दिन में ३-४ बार आँखों को छींटे मारने पर कुछ ही समय में नेत्र रोग से मुक्ति मिल जाती है ।
ऐसा माना गया है, कि चाक्षुषी विद्या का नियमित रूप से तथा विधिपूर्वक पाठ करने वाले के कुल मे भी कोई नेत्ररोग से पीडित अथवा अंधा नही होता ।
पाठ आरंभ करने से पहले विनियोग तथा अंत मे सूर्यदेव को अर्ध्य अवश्य दे ।
चाक्षुषी विद्या को किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष रविवार को सूर्योदय के आसपास आरम्भ करके रोज इस स्तोत्र के ५ पाठ करें। सर्वप्रथम भगवान सूर्य नारायण का ध्यान करके दाहिने हाथ में जल, अक्षत, लाल पुष्प लेकर विनियोग मंत्र पढ़े।


The Audio is taken from Chakshushopanishad in Hindi by Usha P...
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4 سال پیش در تاریخ 1399/02/17 منتشر شده است.
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