Video on Urvashi : Ramdhari Singh Dinkar, Part 1, उर्वशी - रामधारी सिंह दिनकर, प्रथम अंक

Digital Hindi Kavyalaya
Digital Hindi Kavyalaya
9.1 هزار بار بازدید - 5 سال پیش - Urvashi : Ramdhari Singh Dinkar,
Urvashi : Ramdhari Singh Dinkar, Part 1,  उर्वशी - रामधारी सिंह दिनकर, प्रथम अंक
Urvashi - Ramdhari Singh Dinkar (Introduction) | उर्वशी (महाकाव्य) - रामधारी सिंह 'दिनकर'
१९६१ ई. में प्रकाशित इस काव्य नाटक में दिनकर ने
उर्वशी और पुरुरवा के प्राचीन आख्यान को एक नये अर्थ
से जोड़ना चाहा है। इस कृति में पुरुरवा और उर्वशी
अलग-अलग तरह की प्यास लेकर आये हैं। पुरुरवा
धरती पुत्र है और उर्वशी देवलोक से उतरी हुई नारी है।
पुरुरवा के भीतर देवत्य की तृष्णा और उर्वशी सहज
निश्चित भाव से पृथ्वी का सुख भोगना चाहती है।
उर्वशी प्रेम और सौन्दर्य का काव्य है। प्रेम और सौन्दर्य की
मूल धारा में जीवन दर्शन सम्बन्धी अन्य छोटी-छोटी धाराएँ
आकर मिल जाती हैं। प्रेम और सुन्दर का विधान कवि ने
बहुत व्यापक धरातल पर किया है। कवि ने प्रेम की छवियों
को मनोवैज्ञानिक धरातल पर पहचाना है।
दिनकर की भाषा में हमेशा एक प्रत्यक्षता और
सादगी दिखी है, परन्तु उर्वशी में भाषा की सादगी
अलंकृति और आभिजात्य की चमक पहन कर आयी है-
शायद यह इस कृति को वस्तु की माँग रही हो।

पात्र परिचय
पुरुष
पुरुरवा - वेदकालीन, प्रतिष्ठानपुर के विक्रमी ऐल राजा, नायक
महर्षि च्यवन - प्रसिद्द ;भ्रिगुवंशी, वेदकालीन महर्षि
सूत्रधार - नाटक का शास्त्रीय आयोजक, अनिवार्य पात्र
कंचुकी -
सभासद -
प्रतिहारी -
प्रारब्ध आदि
आयु - पुरुरवा-उर्वशी का पुत्र
महामात्य - पुरुरवा के मुख्य सचिव
विश्व्मना - राज ज्योतिषी


नारी
नटी - शास्त्रीय पात्री, सूत्रधार की पत्नी
सहजन्या, रम्भा, मेनका, चित्रलेखा - अप्सराएं
औशीनरी - पुरुरवा पत्नी, प्रतिष्ठानपुर की महारानी
निपुणिका,मदनिका - औशिनरी की सखियाँ
उर्वशी - अप्सरा, नायिका
सुकन्या - च्यवन ऋषी की सहधर्मिणी,
अपाला - उर्वशी की सेविका,
5 سال پیش در تاریخ 1398/08/12 منتشر شده است.
9,104 بـار بازدید شده
... بیشتر