How many Buddhas are before tathagata Gautam Buddha ? | Dr Rajendra Prasad Singh | Bahujan sahitya

Bahujan Sahitya
Bahujan Sahitya
26 هزار بار بازدید - - #Buddha
#Buddha #Buddhism #bahujansahitya

How many Buddhas are before tathagata Gautam Buddha ? | Dr Rajendra Prasad Singh | Bahujan sahitya

How many Buddhas are there before tathagata Gautam buddha? in this video I trying to explain all fact about Buddha given by dr. Rajendra Prasad Singh in the books itihash ka muayna and khoye hue budhha ki khoj

Buy link
https://amzn.to/3wBISoD
https://amzn.to/2Or6ds0

Join this channel to get access to perks:
@bahujansahitya

You can follow us on these.
Mobile no. 9755453356
Twitter: Bahujan_Sahitya
https://t.me/Bahujan_Sahitya
Facebook - Facebook: BahujanSahitya
Instagram -https://www.instagram.com/bahujan_sah...

'अप्प दीपो भव' अर्थात अपना प्रकाश स्वयं बनो, ये सिद्धांत बुद्ध ने दिया और बाबा साहेब ने बार बार दोहराया, बाबा साहेब ने ये सिद्धांत अपने ऊपर लागु भी किया और वो न सिर्फ अपने लिए दीपक बने बल्कि पुरे विश्व के लिए दीपक बने, विश्व में सिम्ब्ल ऑफ़ दी नॉलेज, ज्ञान के प्रतीक के रूप में अपनी पहचान बनायीं। बहुजनो की ये शिकायत हमेसा रही हे की तथा कथित स्वर्ण उनके मुद्दे नहीं उठाते बहुजनो के मुद्दों पर चर्चा नहीं करते, हमे ये समझना चाहिए की स्वर्णो ने जो कुछ भी बनाया है फिर वो चाहे जैसे भी बनाया हो उन्होंने खुद के लिए बनाया हे वो बहुजनो के लिए नहीं है, बहुजनो को हर छेत्र में खुद को स्थापित करना सीखना चाहिए और उसके लिए सघर्ष करना चाहिए।
बहुजन साहित्य के यूट्यूब चैनल द्वारा में एक छोटी सी पहले कर रहा हूँ, जहा हमारी कोसिस ये रहेगी की बहुजन लेखकों द्वारा लिखी किताबो और बहुजन मुद्दों पर केंद्रित किताबो पर चर्चा की जा सके और ज्यादा से ज्यादा लोगो तक बहुजन साहित्य पहुंचाया जा सके, मेरे विश्वाश है की जब तक बहुजन समाज पड़ेगा नहीं और पड़ने का मतलब सिर्फ डिग्री से नहीं है, पड़ने से मेरा मतलब है बहुजन साहित्य को पड़ना स्कूल कॉलेज की पढ़ाई में वो धार नहीं है जो बहुजनो की मानसिक गुलामी की जंजीरे काट सके इस लिए हमें अपनी पूरी ताकत लगा कर बहुजन साहित्य को घर घर पहोचाना चाहिए आशा करता हूँ आप मेरे इस काम में मेरा साथ देंगे।
जय भीम जय भारत जय संविधान जय जोहर|
--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------  

मैं कौन हूं और में यह काम क्यों कर रहा हूँ ?
मेरा नाम रजत मौर्य है, मुझे बहुजन साहित्य पढ़ना तब शुरू किया जब मैं इंदौर में था, यह एससी-एसटी एक्ट पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ नेतृत्वविहीन आंदोलन का समय था। उस समय मैंने महसूस किया कि लोग बाबा साहेब की शिक्षा को जाने बिना जय भीम का नारा  लगा रहे हैं। फिर मैंने बाबासाहेब के साहित्य का अध्ययन शुरू किया और पाया कि हम सभी बाबा साहेब के सिद्धांत के खिलाफ काम कर रहे हैं तब मैंने बाबा साहेब के शिक्षण को हर व्यक्ति तक पहुंचाने का निर्णय लिया। किसी भी तरह और किसी भी माध्यम से।
इन दिनों में हमारे पास किताबें पढ़ने के लिए समय नहीं है, लेकिन हमारे इतिहास की बेहतर समझ के लिए किताबें पढ़ना बहुत आवश्यक है, क्योंकि हम जानते हैं कि हम बहुजन या शूद्र या अछूत दुविधा में हैं, जहां हम बाबा साहब के नाम पर राजनीति करने के लिए तैयार हैं लेकिन कोई भी उनके लेखन और सभी बहुजन लीडरों के लेखन को पढ़ने के लिए तैयार नहीं है। यही कारण है कि मैं इस अंतर को ऑडियोबुक के रूप में भरने की कोशिश कर रहा हूं जो सुनने में आसान है, कोई भी काम या यात्रा करते समय इन ऑडियोबुक को सुन सकता है। मैं दृढ़ता से विश्वास करता हूं कि प्रत्येक व्यक्ति को बहुजन साहित्यकार को पढ़ना चाहिए और अगली पीढ़ी को देना चाहिए। यह हमारे अनमोल है विरासत। आशा है कि आप सभी को मेरी बात सही लगी, मेरी मदद करें, मेरा समर्थन करें, इस मिशन में मेरा साथ दें।
धन्यवाद
जय भीम
__________________________________________________________________________________
OUR PLAYLIST
Waiting for a Visa - Waiting for a Visa | by Dr  B  R  Amb...
डॉ. बी. आर. आंबेडकर व्यक्तित्व और कृतित्व - डॉ. बी. आर. आंबेडकर व्यक्तित्व और कृत...
जातीभेद का उच्छेद | ANNIHILATIONS OF CASTE - जातीभेद का उच्छेद | ANNIHILATIONS OF ...
for supporting my work please subscribe to my channel share this video and give your advice in the comment box follow me on Facebook.
#bahujansahitya #rajatmourya #ambedkar #periyar #phule #bahujan
__________________________________________________________________________________
Legal Note:-
This video is based on the book, we are just trying to educate people with the figure and fact which is quoted by the writer and is not intended to defile and defame any religious, regional, or social groups.
This video may also contain offensive content which may be unsuitable for some audiences, so viewer discretion is highly recommended.

It is hereby also claimed that the creators of this video have exercised their right to free speech and expression granted by Article 19 (1)(a) of the Constitution of India.

If you have any grievances with regard to the content of this video, please contact the creator through email/inbox.

Thanks & Regards
Bahujan sahitya
55 سال پیش در تاریخ 1403/06/09 منتشر شده است.
26,091 بـار بازدید شده
... بیشتر