रामायण - EP 27 - सीता-अनसूया मिलन | पतिव्रत धर्म का ज्ञान | विराध वध | शरभंग प्रसंग

Ramayan
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282.2 هزار بار بازدید - 11 ساعت پیش - Ramayan - Episode 27 -
Ramayan - Episode 27 - Sita-Anasuya Meet | Knowledge of Pativrat Dharma | Viraadh Slaughter | a Shabby affair मिथिला की रानी सुनयना अयोध्या की राजमाता कौशल्या से मिलने आती हैं। कौशल्या उनके समक्ष शर्मिन्दा हैं कि उनकी बेटी सीता राजरानी बनने की बजाय वन के दुःख भोग रही है। किन्तु सुनयना अपनी बेटियों के कर्तव्य पथ पर डटे रहने से गौरवान्वित हैं। सुनयना उर्मिला, माण्डवी और श्रुतकीर्ति को कैकेयी से सीख लेने को कहती है जिससे वे मंथरा जैसी कुटिल दासियों से बच कर रहें। वे अपनी पुत्रियों को तभी मायके आने को कहती हैं जब ससुराल में सब कुछ ठीक हो जाए। उधर राम दण्डाकारण्य जाने से पहले ऋषि अत्रि के आश्रम में पहुँचते हैं। यहाँ राम सीता को अत्रि ऋषि की पत्नी सती अनुसूइया से मिलवाते हैं और उन्हें बताते हैं कि दस वर्षो तक सूखा पड़ने पर माता अनुसूइया ने कठिन तपस्या करके गंगा मैया को प्रसन्न किया था और उनकी एक धारा मन्दाकिनी को चित्रकूट तक लायीं थी। राम सीता से माता अनुसूइया से सीख लेने को कहते हैं। सती अनुसूइया को धरती पर परम पतिव्रता स्त्रियों में गिना जाता है। वे सीता को पतिव्रत धर्म का ज्ञान देती है। वे सीता के पति संग वनगमन की प्रशंसा करती हैं। माता अनुसूइया बताती हैं कि धीरज, धर्म, मित्र और नारी की परख आपतकाल में होती है और उन्हें राम के इस आपतकाल में पूरा साथ देना चाहिये। वे सीता को कभी मलिन न पड़ने वाले दिव्य वस्त्र व आभूषण भी प्रदान करती हैं। ऋषि अत्रि राम को दण्डकारण्य में सबसे शरभंग मुनि के आश्रम में जाने को कहते हैं क्योंकि शरभंग अपनी देह त्यागने से पहले राम के दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ऋषि अत्रि उन्हें दण्डकारण्य के नरभक्षी राक्षसों से सावधान भी करते हैं। राम उन्हें इस क्षेत्र को राक्षसमुक्त करने का वचन देते हैं। दण्डकारण्य की सीमा पर विशालकाय राक्षस विराध राम का मार्ग रोकता है। वह हाथी की भाँति चिंघाड़ते हुए बुरी नीयत से सीता को अपनी मुठ्ठी में उठा लेता है। वह राम और लक्ष्मण द्वारा चलाये गये बाणों को तीली की भाँति मसल देता है। तब दोनों भाईयों ने अभिमंत्रित बाणों से उसकी दोनों भुजाएं काट दीं। राम लक्ष्मण और सीता यहाँ से आगे बढ़ते हैं और शरभंग मुनि के आश्रम तक पहुँचते हैं। ठीक उसी समय देवराज इन्द्र का विमान वहाँ उतरता है। इन्द्र मुनिवर को सशरीर इन्द्रलोक ले जाने स्वयं आये हैं। लेकिन शरभंग मुनि उन्हें यह कहकर वापस भेज देते हैं कि इस समय वे इन्द्रलोक जाने की बजाय एक विशेष अतिथि के आने की प्रतीक्षा करेंगे। राम शरभंग मुनि से मिलते हैं। मुनिवर कहते हैं कि राम के दर्शन के सामने इन्द्र का निमन्त्रण बहुत तुच्छ था। शरभंग ऋषि अपने तपोबल से अर्जित समस्त सिद्धियाँ राम को देना चाहते हैं किन्तु राम इसे पुरुषार्थ के विरूद्ध बताते हैं। शरभंग मुनि राम को अन्तिम प्रणाम कर योगाग्नि से अपने पार्थिव शरीर को स्वयं भस्म करके अविनाशी पथ की ओर जाते हैं। राम उनकी शान्ति के लिये ओम का उच्चारण करते हैं। निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर पटकथा और संवाद - रामानंद सागर संगीत - रविंद्र जैन शीर्षक गीत - जयदेव अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा संपादक - सुभाष सहगल कैमरामैन - अजीत नाइक प्रकाश - राम मडिक्कर साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार Ramayan is an Indian television series based on ancient Indian Sanskrit epic of the same name. The show was originally aired between 1987 and 1988 on DD National. It was created, written, and directed by Ramanand Sagar. The show is primarily based on Valmiki's 'Ramayan' and Tulsidas' 'Ramcharitmanas'. The series had a viewership of 82 per cent, a record high for any Indian television series. The series was re-aired during the 2020 Coronavirus lockdown and broke several viewership records globally which includes setting the record for one of the most watched TV shows ever in the world, with 77 million viewers on 16 April 2020. In association with Divo - our YouTube Partner #Ramayan #RamanandSagar #ShriRam #MataSita #Hanuman #Lakshman #RamayanaEpisodes #Bhakti #Hindu #tvseries #RamBhajan #RamayanaStories #RamayanTVSeries #RamCharitManas #DevotionalSeries
11 ساعت پیش در تاریخ 1403/07/14 منتشر شده است.
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