धर्म, अधर्म और विधि का विधान:पांडवों और द्रौपदी का विवाह | Mahabharat in Hindi | Season 4 Episode9
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2 هفته پیش
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इस कथा में बताया गया
इस कथा में बताया गया है कि कैसे राजा द्रुपद को यह धर्म संकट हुआ कि उनकी पुत्री द्रौपदी का विवाह पांच पांडवों से कैसे हो सकता है, जब एक स्त्री के एक से अधिक पति होना वेद और समाज के विरुद्ध माना जाता था। भगवान व्यास ने राजा द्रुपद के इस धर्म संकट का समाधान किया और उन्हें द्रौपदी के पिछले जन्मों और भगवान शिव के वरदान के बारे में बताया। अंततः, राजा द्रुपद ने पांडवों और द्रौपदी के विवाह को स्वीकार किया, और द्रौपदी का विवाह क्रमशः सभी पांचों पांडवों से संपन्न हुआ। इस विवाह में द्रौपदी प्रतिदिन कन्या भाव को प्राप्त होती थी, जिससे सभी पांडवों ने उसे कन्या रूप में ही पाया। इस प्रकार, विधि का विधान और भगवान शिव के वरदान का पालन हुआ।
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در تاریخ 1403/06/11 منتشر شده
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