शिव स्तुति #kedarnath Dham ।। श्री #मृत्युंजय#हीरेमठ जी की सुमधुर आवाज में ।

2 میلیون بار بازدید - 3 سال پیش - शिव स्तुति
शिव स्तुति #kedarnath Dham ।। श्री #मृत्युंजय#हीरेमठ जी की सुमधुर आवाज में एक बार जरूर सुनें यह अद्भुत गायन

#जयशंभुनाथ,दिगंबरम् ।करुणाकरं जगदीश्वरम् ।।
भवतारणम् भयहारणम्।
करुकरंजगदीश्वरं ।।

मृगछाल अंग शुशोभितम्।करमाल दंड बिराजितं ।।
यमकाल पासबिमोचकम्।
करुणाकरं जगदीश्वरम् ।।

जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।
करुणाकरम् जगदीश्वम्।।
भवतारणम् भयहारणम् ।करुणाकरं जगदीश्वरं ।।

गलरुण्डमाल कपालब्याल।
तनभस्म शोभित सुंदरम् ।।
तवशक्ति अंग शुशोभितम् ।करुणा करम् जगदीश्वम् ।।

जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।करुणाकरं जगदीश्वम् ।।
भवतारणं भयहारणम्।
करूणा करम् जगदीश्वम् ।।

हे दक्क्षयग्य बिनाशकम् ।
हे कामदाहन कारणम्।।
श्री गणेशस्कं द नमस्कृतम् ।
करुणाकरम् जगदीश्वम्।।

जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।करुणाकरम् जगदीश्वम् ।।
भवतारणम् भयहारणम् ।
करूणाकरम् जगदीश्वम् ।।

हे आशुतोष शशांकशेखर।चंद्रमौलिमृतुंज्जयम्।।
तवपादकमल नमाम्हम्।2
करूणाकरम् जगदीश्वम् ।।

जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।
करूणा करम् जगदीश्वम् ।।
भवतारणम् भयहारणम्।
करूणाकरम् जगदीश्वम् ।।3

कृतेना अनीनां अद्यदिने शिवअस्तु कृपाधाखेना कर्मणा कर्मणा धीश्त्वद भवानी शंकर महारुद्र
महामृतुंजय श्रीभगवत्तीदारी ईश्वर चरणा रबिदंमम्
प्रीयताम नममः
श्री शाष्टांग शिवार्पणमस्तु शिवागईदम् नममः
श्री शाष्टांग जगदंम्बाअर्पण मस्तु।
अंम्बाप्रियताम् नममः
हरहॐ तत्सत हरह ॐ तत्सत हरह ॐ तत्सत।
बोलो केदारेश्वर महराज की जय
श्रीश्री अंम्बेमातु की जय

सत्यसनातन बैदिकधर्म की जय
ओम नमः पार्वतीपतये

शिव हर हर हर महादेव शंभु।


१.
#सौराष्ट्र_देशे_विशदे_तिरम्यै,
ज्योतिर्मयम् चन्द्र कला वसन्तम्,
भक्ती प्रदानायत्रिपाव तेणम्,
तम् सोमनांथम् शरणम् प्रपद्ये।
२.
श्री शैल श्रुंगे विबुघाति श्रंगे,
तुलादि तुंगे तिमुदा वसन्तम्,
तमर्जुनम् मल्लिक पूर्व मेकम्,
नमामि संसार समुद्र सेतुं।
३.
अवन्तिकायाम् विहितावतारम्,
मुक्ति प्रदानांय च सज्जनानाम्,
अकाल म्रत्युहु अरि रक्क्षणांर्थम्,
वन्दे महाकाल महासुरेशं।
४.
कावेरि कालर मदयो: पवित्रे,
समागमें सज्जन तारणांय,
सदैव मान्घात्रिपुरै वसन्तम्,
ओमकार मीशं शिव मेक मीणे।
५.
पूर्वोत्तरे प्रज्वलिका निघाने,
सदा वसन्तम् गिरिजा समेंतम्,
सुरा सुरारा धितपाद पद्मम्,
श्री वैद्यनाथम् तमहं नमामि।
६.
यांगे सदंगे नगदे तिरम्यै,
विभूषितांगम् विविघैश्च भोगै,
सभक्ति मुक्ती प्रदमीश मेकं,
श्री नाग नांथम् शरणम् प्रपद्ये।
3 سال پیش در تاریخ 1400/01/16 منتشر شده است.
2,017,894 بـار بازدید شده
... بیشتر