लैमार्कवाद (Lamarckism)| Laimarckwad in hindi | jaiv vikas | laimark ka sidhant | in hindi
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5 سال پیش
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जैव विकास की मौलिक परिकल्पना
जैव विकास की मौलिक परिकल्पना (Basic Hypothesis of Organic Evolution) वैज्ञानिकों का मत है कि पृथ्वी, इसका वायुमण्डल और इस पर रहने वाले सभी जीव करोड़ों वर्ष पहले आज जैसे नहीं थे। सबसे पहले पानी के अन्दर जीवाणु के समान सरल संरचना वाले जीव बने। धीरे-धीरे उनसे एककोशिकीय और बहकोशिकीय जीवों का विकास हुआ। ज्यों-ज्यों समय बीतता गया अधिकाधिक जटिल जीवों का विकास सरल रचना वाले जीवों से हुआ। यह परिवर्तन जैव विकास कहलाता है। अत: जैव विकास धीमी गति से होने वाला एक क्रमिक परिवर्तन है जिसके परिणामस्वरूप पूर्व काल के सरल संरचना वाले निम्न कोटि के जीवों (जन्तु एवं पौधों) से आज के युग में पाये जाने वाले जटिल एवं उच्च कोटि के जीवों का उद्विकास हुआ।
जैव विकास के तीन वाद है-
1. लैमार्कवाद
2. डार्विनवाद
3. उत्परिवर्तनवाद
इस वीडियो में लैमार्कवाद (LAMARCKISM) क्या है, लैमार्कवाद की कौन-कौन सी विशेषताएँ हैं और लैमार्कवाद की आलोचना (Criticism of Lamarckism) के बारे में बताया है
#Organicevolution #Lamarckism #jaivvikas
जैव विकास के तीन वाद है-
1. लैमार्कवाद
2. डार्विनवाद
3. उत्परिवर्तनवाद
इस वीडियो में लैमार्कवाद (LAMARCKISM) क्या है, लैमार्कवाद की कौन-कौन सी विशेषताएँ हैं और लैमार्कवाद की आलोचना (Criticism of Lamarckism) के बारे में बताया है
#Organicevolution #Lamarckism #jaivvikas
5 سال پیش
در تاریخ 1398/09/27 منتشر شده
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