ग्रीन हाउस प्रभाव और ग्लोबल वार्मिंग | greenhouse effect and global warming |kyoto protocol in hindi
186.6 هزار بار بازدید -
4 سال پیش
-
ग्रीन हाउस प्रभाव एवं वैश्विक
ग्रीन हाउस प्रभाव एवं वैश्विक ऊष्मीकरण (Green House Effect and Global Warming)-आपने देखा होगा शीशे की बोतल के अन्दर का तापमान बाहर के तापमान से काफी अधिक हो जाता है। इसी प्रकार काँच के आवरण में जिसे ग्रीन हाउस कहते हैं, ठण्डे मौसमों में उष्ण कटिबंधीय पौधों को गर्म रखने के लिए आवरण बनाने की प्रक्रिया में इस अवधारणा का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार के आवरण को ग्रीन हाउस कहते हैं। काँच सूर्य की ऊष्मा को अन्दर तो आने देता है. किन्तु वापस बाहर नहीं जाने देता।
कुछ गैसें जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन एवं नाइट्रस ऑक्साइड पृथ्वी से ऊष्मा को वायुमण्डल के बाहर जाने से रोकती वायुमण्डल में इस प्रकार की गैसों विशेषकर कार्बन डाइऑक्साइड में लगातार वृद्धि से पृथ्वी के औसत तापमान में वृद्धि हो रही है जिससे वायुमण्डल में ऊष्मा की वृद्धि हो रही है। इस प्रकार के कारणों द्वारा वैश्विक ऊष्मीकरण की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसके फलस्वरूप ध्रुवीय बर्फ व ग्लैशियरों के पिघलने की संभावना बढ़ गई है और अनेक देशों के तटीय क्षेत्रों के डूबने का संकट उत्पन्न हो गया है। इस प्रकार के ऊष्मीकरण को वैश्विक ऊष्मीकरण (global warming) कहते हैं।
मुख्य ग्रीनहाउस गैसें जल वाष्प, कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), मीथेन (CH4), नाइट्रस ऑक्साइड (या नाइट्रस ऑक्साइड, सूत्र N2O की) और ओज़ोन (O3) हैं।
क्योटो प्रोटोकॉल एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसे ग्लोबल वार्मिंग द्वारा हो रहे जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए बनाया गया है। यह इस संधि में शामिल देशों को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रतिबद्ध करती है। ... क्योटो प्रोटोकॉल को क्योटो, जापान में 11 दिसंबर 1997 को अपनाया गया था और 16 फरवरी 2005 को लागू हुआ था।
you also search this topic-
1. global warming essay
2. global warming in hindi
3. global warming hindi me
4. causes of global warming
5. global warming kya hai
6. global warming images
7. greenhouse gases
8. effects of global warming
#greenhouseeffects
#globalwarming #golbalwarminginhindi
#globalwarmingdrawing
#hindiessayonglobalwarming #factsknowing
#stopglobalwarming
कुछ गैसें जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन एवं नाइट्रस ऑक्साइड पृथ्वी से ऊष्मा को वायुमण्डल के बाहर जाने से रोकती वायुमण्डल में इस प्रकार की गैसों विशेषकर कार्बन डाइऑक्साइड में लगातार वृद्धि से पृथ्वी के औसत तापमान में वृद्धि हो रही है जिससे वायुमण्डल में ऊष्मा की वृद्धि हो रही है। इस प्रकार के कारणों द्वारा वैश्विक ऊष्मीकरण की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसके फलस्वरूप ध्रुवीय बर्फ व ग्लैशियरों के पिघलने की संभावना बढ़ गई है और अनेक देशों के तटीय क्षेत्रों के डूबने का संकट उत्पन्न हो गया है। इस प्रकार के ऊष्मीकरण को वैश्विक ऊष्मीकरण (global warming) कहते हैं।
मुख्य ग्रीनहाउस गैसें जल वाष्प, कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), मीथेन (CH4), नाइट्रस ऑक्साइड (या नाइट्रस ऑक्साइड, सूत्र N2O की) और ओज़ोन (O3) हैं।
क्योटो प्रोटोकॉल एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसे ग्लोबल वार्मिंग द्वारा हो रहे जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए बनाया गया है। यह इस संधि में शामिल देशों को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रतिबद्ध करती है। ... क्योटो प्रोटोकॉल को क्योटो, जापान में 11 दिसंबर 1997 को अपनाया गया था और 16 फरवरी 2005 को लागू हुआ था।
you also search this topic-
1. global warming essay
2. global warming in hindi
3. global warming hindi me
4. causes of global warming
5. global warming kya hai
6. global warming images
7. greenhouse gases
8. effects of global warming
#greenhouseeffects
#globalwarming #golbalwarminginhindi
#globalwarmingdrawing
#hindiessayonglobalwarming #factsknowing
#stopglobalwarming
4 سال پیش
در تاریخ 1399/04/20 منتشر شده
است.
186,632
بـار بازدید شده