भारत का सबसे बड़ा मदरसा दारूल उलूम देवबंद। Facts About Darul Uloom Deoband Official Bilal
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2 ماه پیش
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देवबन्दी (देवबंदी) (उर्दू: دیو بندی,
देवबन्दी (देवबंदी) (उर्दू: دیو بندی, अंग्रेज़ी: Deobandi) हनफ़ी पन्थ की एक प्रमुख विचारधारा है जिसमें कुरआन व शरियत का कड़ाई से पालन करने पर ज़ोर है। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित दारुल उलूम देवबन्द से प्रचारित हुई है जो विश्व में इस्लामी शिक्षा का दूसरा बड़ा केन्द्र है। इसके अनुयायी इसे एक शुद्ध इस्लामी विचारधारा मानते हैं। ये इस्लाम के उस तरीके पर अमल करते हैं, जो अल्लाह के नबी हजरत मुहम्मद स० ले कर आये थे, तथा जिसे ख़ुलफ़ा-ए-राशिदीन (अबु बकर अस-सिद्दीक़, उमर इब्न अल-ख़त्ताब, उस्मान इब्न अफ़्फ़ान और अली इब्न अबू तालिब), सहाबा-ए-कराम, ताबेईन ने अपनाया तथा प्रचार-प्रसार किया।
देवबंदी सुन्नी इस्लाम (मुख्य रूप से हनफी) के भीतर एक पुनरुद्धारवादी आंदोलन है। [1] यह भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में केंद्रित है, जो यूनाइटेड किंगडम में फैल गया है, और दक्षिण अफ्रीका में इसकी उपस्थिति है। [2] यह नाम देवबंद , भारत से निकला है, जहां स्कूल दारुल उलूम देवबंद स्थित है। आंदोलन विद्वान शाह वलीलुल्लाह मुहद्दिस देहलवी (1703-1762), [3][4] से प्रेरित था और एक दशक पहले उत्तरी भारत में असफल सिपाही विद्रोह के चलते 1867 में इसकी स्थापना हुई थी। [5]इस्लामी दुनिया में दारुल उलूम देवबन्द का एक विशेष स्थान है जिसने पूरे क्षेत्र को ही नहीं, पूरी दुनिया के मुसलमानों को प्रभावित किया है। दारुल उलूम देवबन्द केवल इस्लामी विश्वविद्यालय ही नहीं एक विचारधारा है,इस्लाम को अपने मूल और शुद्ध रूप में प्रसारित करता है। इसलिए मुसलमानों में इस विचाधारा से प्रभावित मुसलमानों को ”देवबन्दी“ कहा जाता है।
देवबन्द उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण नगरों में गिना जाता है जो आबादी के लिहाज़ से तो एक लाख से कुछ ज़्यादा आबादी का एक छोटा सा नगर है। लेकिन दारुल उलूम ने इस नगर को बड़े-बड़े नगरों से भारी व मशहूर बना दिया है, जो न केवल अपने गर्भ में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि रखता है,
देवबंदी सुन्नी इस्लाम (मुख्य रूप से हनफी) के भीतर एक पुनरुद्धारवादी आंदोलन है। [1] यह भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में केंद्रित है, जो यूनाइटेड किंगडम में फैल गया है, और दक्षिण अफ्रीका में इसकी उपस्थिति है। [2] यह नाम देवबंद , भारत से निकला है, जहां स्कूल दारुल उलूम देवबंद स्थित है। आंदोलन विद्वान शाह वलीलुल्लाह मुहद्दिस देहलवी (1703-1762), [3][4] से प्रेरित था और एक दशक पहले उत्तरी भारत में असफल सिपाही विद्रोह के चलते 1867 में इसकी स्थापना हुई थी। [5]इस्लामी दुनिया में दारुल उलूम देवबन्द का एक विशेष स्थान है जिसने पूरे क्षेत्र को ही नहीं, पूरी दुनिया के मुसलमानों को प्रभावित किया है। दारुल उलूम देवबन्द केवल इस्लामी विश्वविद्यालय ही नहीं एक विचारधारा है,इस्लाम को अपने मूल और शुद्ध रूप में प्रसारित करता है। इसलिए मुसलमानों में इस विचाधारा से प्रभावित मुसलमानों को ”देवबन्दी“ कहा जाता है।
देवबन्द उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण नगरों में गिना जाता है जो आबादी के लिहाज़ से तो एक लाख से कुछ ज़्यादा आबादी का एक छोटा सा नगर है। लेकिन दारुल उलूम ने इस नगर को बड़े-बड़े नगरों से भारी व मशहूर बना दिया है, जो न केवल अपने गर्भ में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि रखता है,
2 ماه پیش
در تاریخ 1403/02/29 منتشر شده
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