Atal Bihari Vajpayee Best speech in parliament...
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4 سال پیش
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भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार संसद के सत्र में कहा था कि - परंपरा बनी रहनी चाहिए सत्ता का खेल तो चलेगा, सरकारें आएंगी जाएंगी, पार्टियां बनेंगी, बिगड़ेंगी मगर ये देश रहना चाहिए, इस देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए ।" चूंकि देश सर्वोपरि है और एक राजनेता को अव्व्ल अपने देश के लिए पूरी निष्ठा से काम करना चाहिए।
उन्होंने देश के लिए भी कविताएं लिखीं
"भारत जमीन का टुकड़ा नहीं
जीता जागता राष्ट्रपुरुष है
हिमालय मस्तक है
कश्मीर किरीट है
पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं
पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघायें हैं
कन्याकुमारी इसके चरण हैं
सागर इसके पग पखारता है
यह चन्दन की भूमि है
अभिनन्दन की भूमि है
यह तर्पण की भूमि है
यह अर्पण की भूमि है"
उन्होंने देश के लिए भी कविताएं लिखीं
"भारत जमीन का टुकड़ा नहीं
जीता जागता राष्ट्रपुरुष है
हिमालय मस्तक है
कश्मीर किरीट है
पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं
पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघायें हैं
कन्याकुमारी इसके चरण हैं
सागर इसके पग पखारता है
यह चन्दन की भूमि है
अभिनन्दन की भूमि है
यह तर्पण की भूमि है
यह अर्पण की भूमि है"
4 سال پیش
در تاریخ 1399/05/15 منتشر شده
است.
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