दश महाविद्या का वर्णन ऐवम लाभकारि मंत्रदि ten Mahavidyas and beneficial mantras

Aaj Ke Hunarbaaz Kal Ke Sartaaj
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236 بار بازدید - 2 ماه پیش - प्रजापतिने एक विशाल यज्ञ काआयोजन
प्रजापति
ने एक विशाल यज्ञ का
आयोजन किया, जिसमें उन्होंने सभी देवी-देवताओं को आमन्त्रित किया लेकिन द्वेषवश
उन्होंने अपने जामाता भगवान शंकर और अपनी पुत्री सती को निमन्त्रित नहीं किया।
सती, पिता के द्वारा आयोजित यज्ञ में जाने की जिद करने लगीं जिसे शिव ने उन्हें न
जाने के लिए समझाया। परंतु सती अपने पिता के आयोजित यज्ञ में जाने के लिए हठ कर
रही थी। तब शिव के समझाने पर भी अपनी हठ पकड़े हुए सती ने स्वयं को एक भयानक रूप
में परिवर्तित कर लिया। जो स्वयं में महाकाली अवतार में प्रकट हुई। जिसे देख भगवान
शिव वहां से भागने को उद्यत हुए। अपने पति को डरा या रुष्ट हुआ जानकर माता सती
उन्हें रोकने लगीं। शिव जिस दिशा में गये उस दिशा में माँ का एक अन्य विग्रह प्रकट
होकर उन्हें रोकता है। इस प्रकार दसों दिशाओं में माँ ने वे दस रूप लिए थे वे ही
दस महाविद्याएँ कहलाईं। इस प्रकार देवी दस रूपों में विभाजित हो गयीं जिनसे वह शिव
के विरोध को हराकर यज्ञ में भाग लेने
गयीं।

हमारे प्राचीन ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख है जिनकी पूजा
हर प्रकार की शक्तियों को प्राप्त करने के लिए की जाती है। महाविद्या पूजा को
साधना के रूप में जाना जाता है जिसमें उपासक एक ही देवी को प्रसन्न करने और उनका
आशीर्वाद लेने के लिए ध्यान केंद्रित करता है। किसी भी साधना में यंत्र और मंत्र
बहुत ही प्रभावशाली माध्यम माने जाते हैं जिनके माध्यम से उपासक अपने लक्ष्य तक
पहुंच सकता है और उसे करने के अपने मकसद को पूरा कर सकता है। तांत्रिकों द्वारा दस
महाविद्याओं की साधना की जाती है, जो कि गुप्‍त होती हैं।

दस महाविद्याओं की पूजा से भक्तो को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पाठक गण को चाहिये की प्रत्येक पूजा अराधाना ऐवम प्रयोग के पशच्यात इन अराधनओ मै हुइ त्रुटियों के लिये इष्ट देव, देवियो से छमा याचना अनिवार्य तोर पर दुहराये,  अन्यथा हो सकता है कि "लेने के देने" कि नौबत आ जाये ।
पाठक गण को चाहिये की प्रत्येक पूजा अराधाना ऐवम प्रयोग के पशच्यात, उप्युक्त शांति पाठ अवश्यमेव करे जिससे कि जो वातावरण मै आई अनावश्यक बद्लाव, जो आपकि अराधना से उत्पन्न हुये है,  वो शांत हो जाये  ।
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दश महाविद्या का वर्णन ऐवम लाभकारि मंत्रदि ten Mahavidyas and beneficial mantras
2 ماه پیش در تاریخ 1403/04/15 منتشر شده است.
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