श्याम चौरासी | श्री खाटू श्याम बाबा | Shyam Chaurasi | Shri Khatu Shyam Baba | Khatu Shyam Bhajan

Shyam Diwane श्याम दीवाने
Shyam Diwane श्याम दीवाने
76 بار بازدید - 8 ماه پیش - श्याम चौरासी | श्री खाटू
श्याम चौरासी | श्री खाटू श्याम बाबा | Shyam Chaurasi | Shri Khatu Shyam Baba | Khatu Shyam Bhajan


खाटू श्याम जी भजन - Top 10 Khatu Shyam Bhajan - Baba Shyam Superhit Bhajan - Khatu Shyam Bhajan


Bhajan :- Shyam Chaurasi



-#khatushyambhajan #shyambhajan2023 #newbhajan2023 #shyambhajan #newshyambhajan2023 #newshyambhajan #bhajan2023 #2023kebhajan
#newbhajan2023 #shyambhajan2023 #newshyambhajan2023 #shyambhajan #newshyambhajan #khatushyambhajan #bhajan2023 #2023kebhajan
#BhaktiSadhna #UpasanaMehta#khatushyam #shyambaba #khatudham #Gyaras #krishna #lord #bhagwan #Aarti #radhakrishna #bhakti #bhaktisadhna #sadhna  #shyambhajan #bhajan  #livebhajan#khatujaagran #devotionalsongs #khatu #morningbhajan #khatushyambhajan #krishnabhajan #shyambaba #shyambabakebhajan #latestbhajan #morningtimebhajans#shrikrishnabhajan #lordkrishnabhajans #popularkrishnabhajans#krishnabhajanscollection #bestshrikrishnabhajans #KhatuShyamBhajan #khatushyam #shyambaba #khatudham #Gyaras #krishna #lord #bhagwan #Aarti #radhakrishna #bhakti #bhaktisadhna #sadhna  #shyambhajan #bhajan  #livebhajan
#khatujaagran #devotionalsongs #khatu #morningbhajan #khatushyambhajan #krishnabhajan #shyambaba #shyambabakebhajan #latestbhajan #morningtimebhajans#shrikrishnabhajan #lordkrishnabhajans #popularkrishnabhajans#krishnabhajanscollection #bestshrikrishnabhajans


*********lyrics**********
नाग सुता श्याम को,
सुमिरूँ बारम्बार,
खाटू वाले श्याम जी,
सब जग के दातार,
काव्य कला जानूं नहीं,
अहम निपट अज्ञान,
ज्ञान ध्यान मोहे दीजिये,
आकर कृपा निधान....

मेहर करो जन के सुखराशि,
सांवल शाह खाटू के वासी,
प्रथम शीश चरणों में नाउँ,
कृपा दृष्टि रावरी चाहीं....

माफ़ सभी अपराध कराऊँ,
आदि कथा सुछन्द रच गाउँ,
भक्त सुजन सुनकर हरसासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
कुरु पांडव में विरोध जब छाया,
समर महाभारत रचवाया,
बली एक बर्बरीक आया,
तीन सुबाण साथ में लाया....

यह लखि हरी को आई हाँसी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
मधुर वचन तब कृष्ण सुनाये,
समर भूमि के ही कारण आए,
तीन बाण धनु कंध सुहाए,
अजब अनोखा रूप बनाये,
बाण अपार वीर सब ल्यासी,
सांवल शाह खाटू के वासी....

बबरीक इतने दल माहीं,
तीन बाण की गिनती नाहीं,
योधा एक से एक निराले,
वीर बहादुर अति मतवाले,
समर सभी मिल कठिन मचासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
बर्बरीक मम कहना मानों,
समर भूमि तुम खेल ना जानों....

द्रोण गुरुं कृपा आदि जुझारां,
जिनसे पारथ का मन हारा,
तू क्या पेस इन्ही से पासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
बर्बरीक हरी से यूँ कहता,
समर देखना मैं हूँ चाहता,
कौन बलि रणशूर निहारूं,
वीर बहादुर कौन जुझारू....

सत्य कहूँ हरी झूठ ना जानों,
दोनों दल एक तरफ हो मानों,
एक बाण दोनों दल खपासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
बर्बरीक से हरी फ़रमावे,
तेरी बात समझ नहीं आवे,
प्राण बचाओ तुम घर जाओ,
क्यों नादानपना दिखलाओ...

तेरी जान मुफ्त में जासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
गर विश्वास ना तुम्हे मुरारी,
तो कर लीजे जांच हमारी,
यह सुन कृष्ण बहुत हर्षाए,
बर्बरीक से वचन सुनाए,
मैं अब लेहुँ परीक्षा खासी,
सांवल शाह खाटू के वासी...

पात विटप के सभी निहारों,
बेध एक शर से डारो,
कह इतना एक पात मुरारी,
दबा लिया पद तले करारी,
अजब रची माया अविनाशी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
बर्बरीक धनु बाण चढ़ाया,
जानी जाय ना हरी के माया....

विटप निहार बलि मुस्काया,
अजित अमर अहिलावती जाय,
बलि सुमिर शिव बाण चालीसा,
सांवल शाह खाटू के वासी,
बाण बलि ने अजब चलाया,
पत्ते बेध विटप के आया,
गिरा कृष्ण के चरणों माहीं,
बींधा पात हरी हरण हटाहि.....

इससे फ़तेह कौन किमी पासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
कृष्ण बलि कहे बताओ,
किस दल की तुम जीत कराओ,
बलि हार का दल बतलाया,
यह सुन कृष्ण सनाका खाया,
विजय किस विध पारथ पासी,
सांवल शाह खाटू के वासी.....

छल करना तब कृष्ण विचारा,
बलि से बोले नन्द कुमारा,
ना जानें क्या ज्ञान तुम्हारा,
कहना मानों बलि हमारा,
हो इक तरफ़ नाम पा जासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
कहे बर्बरीक कृष्ण हमारा,
टूट ना सकता ये प्रण करारा.....

माँगे दान उसे मैं देता,
हारा देख सहारा देता,
सत्य कहूं ना झूठ जरा सी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
बेशक वीर बहादुर तुम हो,
जंचते दानी हमें ना तुम हो,
कहे बर्बरीक हरी बतलाओ,
तुमको चाहिए क्या बतलाओ....

जो माँगे सो हम से पासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
बलि अगर तुम सच्चे दानी,
तो मैं तुमसे कहूं बखानी,
समर भूमि बलि देने ख़ातिर,
शीश चाहिए एक बहादुर,
शीश दान दे नाम कमा सी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
हम तुम अर्जुन तीनों भाई,
शीश दान दे को बलदाई....

जिसको आप योग्य बतलावे,
वह शीश बलिदान चढ़ावे,
आवागमन मिटे चौरासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
अर्जुन नाम समर में पावे,
तुम सारथि कौन कहावे,
शीश दान दीन्हों भगवाना,
भारत देखन मन ललचाना....

शीश शिखर गिरी पर घरवासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
शीश दान बर्बरीक दिया है,
हरी ने गिरी पर धरा दिया है,
समर अठारह रोज हुआ है,
कुरु दल सारा नाश हुआ है,
विजय पताका पाण्डु फ़हरासी,
सांवल शाह खाटू के वासी
भीम नकुल सहदेव और पारथ,
करते निज तारीफ़ अकारथ,
यों सोचे मन में यदुराया,
इनके दिल अभिमान है छाया,
हरी भक्तों का दुख ये मिटासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
पारथ भीम आदि बलधारी,
से यों बोले गिरिवर धारी...
8 ماه پیش در تاریخ 1402/09/03 منتشر شده است.
76 بـار بازدید شده
... بیشتر