गुरु वाक्यम् एपिसोड 872 : भीतर के कोलाहल को शांत करो।
100.8 هزار بار بازدید -
2 سال پیش
-
बाबाजी अपना निजी अनुभव बताते
बाबाजी अपना निजी अनुभव बताते हुए साझा करते हैं कि जब उनके गुरु ने उन्हें बताया कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड तुम्हारे भीतर है, तो वे कैसे असमंजस में पड़ गए थे। एक दिन एक संग्रहालय में जब उन्होंने ब्रह्माण्ड का चित्र देखा तो वे ध्यानस्थ हो गए और उन्होंने अनुभव किया कि सभी गृह जिस प्रकार से सम्पूर्ण सामंजस्य में यात्रा करते रहते हैं, उसी प्रकार यदि मनुष्य के अंदर भी पूर्ण संतुलन हो, तभी वह अपने भीतर के ब्रह्माण्ड का अनुभव कर सकता है।
जीवन परिवर्तन करने वाली ध्यान साधनाओं को सीखने के लिए हमारे साप्ताहिक शिवयोग फोरम के कार्यक्रमों से जुड़ें - www.shivyogforum.com
Connect with Us on www.shivyog.com
#ShivYogForum - www.shivyogforum.com
#ShivYogPortal - www.shivyogportal.com
#ShivYogVideos - www.shivyogtv.com
#ShivYogKrishi - www.shivyogkrishi.com
#ShivYogCureIsPossible - www.cureispossible.org
जीवन परिवर्तन करने वाली ध्यान साधनाओं को सीखने के लिए हमारे साप्ताहिक शिवयोग फोरम के कार्यक्रमों से जुड़ें - www.shivyogforum.com
Connect with Us on www.shivyog.com
#ShivYogForum - www.shivyogforum.com
#ShivYogPortal - www.shivyogportal.com
#ShivYogVideos - www.shivyogtv.com
#ShivYogKrishi - www.shivyogkrishi.com
#ShivYogCureIsPossible - www.cureispossible.org
2 سال پیش
در تاریخ 1401/10/08 منتشر شده
است.
100,881
بـار بازدید شده